Jammu Kashmir Delimitation: परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर के चुनावी नक्शे में बड़े बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है. परिसीमन आयोग ने अब लोकसभा सीट की सीमाएं बदली गई हैं.
परिसीमन आयोग ने अब जम्मू डिविजन के दो जिले राजौरी और पुंछ को कश्मीर की अनंतनाग लोकसभा सीट में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है. वहीं, पुलवामा और शोपियां को अनंतनाग से हटाकर श्रीनगर लोकसभा सीट में जोड़ने का प्रस्ताव दिया है.
इससे पहले आयोग ने जम्मू-कश्मीर में 7 विधानसभा सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव भी दिया था. लेकिन अब जो प्रस्ताव दिया गया है, उस पर भी विवाद शुरू हो गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने परिसीमन आयोग पर बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए मोदी सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है.
परिसीमन आयोग के प्रस्ताव पर विवाद क्यों?
जम्मू-कश्मीर में अभी 5 लोकसभा सीट हैं. 3 सीट कश्मीर और 2 सीट जम्मू डिविजन में है. हालांकि, परिसीमन आयोग ने लोकसभा सीटें बढ़ाने या घटाने का प्रस्ताव नहीं दिया है. लेकिन सीमाओं को बदलने का प्रस्ताव दिया है और विवाद इसी पर है.
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अभी क्या स्थिति है?
- जम्मू में 2 लोकसभा सीट
1. पुंछ : जम्मू, सांभा, राजौरी और पुंछ जिले शामिल.
2. उधमपुर : उधमपुर, कठुआ, डोडा, रियासी, रामबान और किश्तवाड़ जिले शामिल.
- कश्मीर में 3 लोकसभा सीट
1. अनंतनाग : अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां जिले शामिल.
2. श्रीनगर : श्रीनगर, गंदरबाल और बड़गाम जिले शामिल.
3. बारामुला : बारामुला, कुपवाड़ा और बांदीपोरा.
परिसीमन आयोग का प्रस्ताव क्या है?
- जम्मू में 2 लोकसभा सीट
1. जम्मू : जम्मू, सांभा, रियासी के अलावा राजौरी जिले की सुंदरबनी विधानसभा का क्षेत्र शामिल करने का प्रस्ताव. बाकी पूरा राजौरी और पुंछ जिला जम्मू से निकलकर अनंतनाग लोकसभा सीट में शामिल किया जाए.
2. उधमपुर : उधमपुर, डोडा, रामबान, कठुआ और किश्तवार शामिल रहें. रियासी उधमपुर की बजाय जम्मू लोकसभा सीट में शामिल हो.
- कश्मीर में 3 लोकसभा सीट
1. अनंतनाग : अनंतनाग और कुलगाम के अलावा शोपियां जिले का आधा हिस्सा शामिल हो. जम्मू के पुंछ और राजौरी जिले भी जोड़े जाएं. पुलवामा और आधा शोपियां अनंतनाग से निकलकर श्रीनगर लोकसभा सीट में शामिल किया जाए.
2. श्रीनगर : श्रीनगर, गंदरबाल और पुलवामा के अलावा आधा बड़गाम और आधा शोपियां जिला शामिल किया जाए. आधा बड़गाम जिला निकलकर बारामूला सीट में जोड़ा जाए.
3. बारामुला : बारामुला, बांदीपोरा, कुपवाड़ा और आधा बड़गाम जिला इसमें जोड़ा जाए.
गुजर-बक्करवाल वोटों का क्या है गणित?
- इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुंछ और राजौरी पीर पंजाल के दक्षिण में पड़ते हैं जो जम्मू का हिस्सा है. यहां गुजर और बक्करवाल की आबादी ज्यादा है. इन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है.
- ऐसे में अनंतनाग में पुंछ और राजौरी के शामिल होने से यहां का जातीय गणित भी बदल जाएगा. पुंछ और राजौरी की अनुमानित 11.19 लाख आबादी में से 5 लाख गुजर और बक्करवाल हैं.
- अनंतनाग मुस्लिम बहुल सीट है. लेकिन पुंछ और राजौरी के आने के बाद यहां करीब 20 फीसदी आबादी गुजर और बक्करवाल की हो जाएगी. इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है.