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जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होंगी सीटें, परिसीमन आयोग ने सामने रखा प्लान

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए आयोग लगातार सभी पक्षों से बात कर रहा है. इस बीच शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा बड़ा ऐलान किया गया.

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मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (ANI Photo)
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (ANI Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • परिसीमन आयोग की टीम का जम्मू-कश्मीर दौरा
  • अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होंगी सीटें

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में परिसीमन को लेकर तैयारियां ज़ोर-शोर से चल रही हैं. परिसीमन आयोग इस वक्त जम्मू-कश्मीर में ही है. शुक्रवार को परिसीमन आयोग (Delimitation Commission)  ने जम्मू का दौरा किया, इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बड़ा ऐलान किया है. जम्मू-कश्मीर में पहली बार अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes) के लिए भी सीटों को आरक्षित किया जाएगा. 

जम्मू में प्रेस वार्ता के दौरान सुशील चंद्रा ने जानकारी दी कि हमने जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों के अधिकारियों से मुलाकात की है, सभी ने उन्हें कई महत्वपूर्ण जानकारी दी हैं. साल 1995 में जम्मू-कश्मीर में कुल 12 जिले थे, लेकिन अब यहां 20 जिले हो गए हैं और तहसील की संख्या भी बढ़ी है. 

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सुशील चंद्रा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम मार्च 2022 तक परिसीमन की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे. हम इस वक्त 2011 की जनसंख्या के अनुसार, परिसीमन की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. 

PoK के लिए भी अलग रहेंगी सीटें

सुशील चंद्रा के मुताबिक, परिसीमन एक कठिन प्रक्रिया है, लेकिन ये बेहद ज़रूरी है. हमें जम्मू-कश्मीर में सात नई सीटें जोड़नी हैं, साथ ही एसटी के लिए भी सीटों को आरक्षित करना है. इनके अलावा 24 सीटें पीओके के लिए अलग रहेंगी. 

सुशील चंद्रा ने बताया कि हमने जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात की है. हमने उनसे परिसीमन आयोग के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने की मांग की है. 

परिसीमन आयोग के प्रमुख रिटायर्ड जस्टिस आर. देसाई ने इस प्रेस वार्ता में कहा कि सभी पक्षों की ओर से हमें बेहतरीन सहयोग मिला, हम बार-बार जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे.


सरकार ने की है बातचीत की पहल

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आपको बता दें कि कुछ वक्त पहले ही केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के तमाम राजनीतिक दलों के साथ बैठक की गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक की अगुवाई की थी, जिसमें सरकार की ओर से सभी दलों से परिसीमन की प्रक्रिया में सहयोग करने की अपील की थी. 

जानकारी के मुताबिक, परिसीमन की प्रक्रिया होने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की ओर कदम बढ़ाए जा सकते हैं. सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इन प्रक्रियाओं के पूरे होने के बाद पूर्ण राज्य के दर्जे पर भी बात की जाएगी. 

 

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