पाकिस्तान के नारे लगाने पर श्रीनगर में मसरत आलम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है, लेकिन इसका आतंकी पर कोई असर दिख नहीं रहा है. मसरत का कहना है कि उसे ऐसे एफआईआर से कोई फर्क नहीं पड़ता. दूसरी ओर प्रदेश के डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने साफ कर दिया है कि देश के खिलाफ हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पीडीपी-बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा, 'हमारी सरकार देश विरोधी किसी भी गतिविधी को बर्दाश्त नहीं करेगी. हमने मसरत मामले में पुलिस से एफआईआर दर्ज करने को कहा है. पुलिस मामले में उचित कार्रवाई करेगी और कानून अपनी कार्रवाई करेगा.'
प्रदेश में बीजेपी कोटे से डिप्टी सीएम बने निर्मल सिंह ने मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, 'हम देश से यह कहना चाहते हैं कि गठबंधन की हमारी सरकार ऐसी किसी भी गतिविधी को बर्दाश्त नहीं करेगी.' उन्होंने कहा कि जो लोग पाकिस्तान और आईएसआई के रहमो-करम पर शोर मचा रहे हैं, वह अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं होंगे.
दिलचस्प यह है बुधवार को अलगाववादी नेता गिलानी की रैली के दौरान पाकिस्तान के नारे लगाने और पड़ोसी मुल्क का झंडा लहराने को लेकर जहां बीजेपी ने तल्ख तेवर अपना लिए है, वहीं पूरे मामले में पीडीपी नरम दिख रही है.पीडीपी की ओर से अभी तक घटना को लेकर कोई सख्त टिप्पणी नहीं आई है. हालांकि इतना जरूर कहा गया है कि मसरत की रिहाई के पीछे सरकार नहीं है बल्कि यह लंबी कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई कार्रवाई है.
मसरत की सीनाजोरी
दूसरी ओर, बुधवार को ही जेल से रिहा और फिर विवादों में फंसने वाले आतंकी मसरत आलम ने एफआईआर पर बेफिक्री का रुख अख्तियार किया है. मसरत ने कहा, 'मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मेरे खिलाफ पहले भी कई एफआईआर हुए हैं, एक और सही.'