जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप आज सुबह पांच बजकर 15 मिनट पर आया था, रिक्टर स्केल पर भूकंप तीव्रता 4.1 मापी गई है.
जानकारी के मुताबिक, भूकंप रविवार की सुबह 05:15:34 बजे आया था. इसका केंद्र जमीन के अंदर पांच किलोमीटर गहराई में था. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने ट्वीट कर बताया कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 4.1 मैग्नीट्यूड मापी गई है.
इससे पहले 28 अप्रैल को ही नेपाल में देर रात दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.8 और 5.9 बताई गई थी. इस भूकंप का केंद्र नेपाल के बाजुरा जिले के दाहाकोट में बताया गया. नेपाल के स्थानीय समय के मुताबिक, वहां भूकंप का पहला झटका करीब 12 बजे के आसपास आया वहीं, दूसरा रात करीब डेढ़ बजे आया था.
इंडोनेशिया और न्यूजीलैंड में भी भूकंप
इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर 25 अप्रैल की सुबह भूकंप के जोरदार झटके लगे थे. इंडोनेशिया की जियोफिजिक्स एजेंसी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 7.3 मापी गई. इस भूकंप के साथ ही करीब दो घंटे तक सुनामी की चेतावनी भी जारी कर दी गई थी. इससे पहले सोमवार की सुबह ही न्यूजीलैंड में जोरदार भूकंप आया था. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.2 मापी गई.
क्यों आता है भूकंप?
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं. एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं. रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है.