जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के भाई मुस्तफा कमाल और बहन खालिदा को रिहा कर दिया गया है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद दोनों को नजरबंद किया गया था. हालांकि, अभी फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला नजरबंद ही हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक घाटी के शीर्ष नेताओं की नजरबंदी तब तक जारी रहेगी, जब तक कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं.
सिविल सोसायटी की कुछ प्रमुख महिला सदस्यों ने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के विरोध में प्रदर्शन किया था. रेसिडेंसी रोड स्थित प्रेस इंक्लेव एरिया में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया था.
प्रदर्शन में जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बहन सुरैया अब्दुल्ला, उनकी बेटी साफिया अब्दुल्ला, जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बशीर अहमद खान की पत्नी हवा बशीर और अन्य प्रमुख महिलाएं शामिल थी.
इसी के बाद उमर अब्दुल्ला की बहन को हिरासत में लिया गया था साथ ही कुछ लोगों को नजरबंद किया गया था.
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सुरैया अब्दुल्ला ने प्रोटेस्ट के दौरान कहा था कि 5 अगस्त को, हमें हमारे घरों में बंद कर दिया गया और अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बना दिया गया. यह जबरदस्ती से कराई गई शादी है जो चलेगी नहीं.
दरअसल प्रदर्शनकारी जब तक सड़क पर जा पाते, पुलिस ने हस्तक्षेप किया था और उन्हें ऐहतियातन हिरासत में ले लिया. यह प्रदर्शन अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीरी नेताओं का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन था. हालांकि उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया था.
घाटी में सामान्य हो रहे हालात
कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सुधर रहे हैं. घाटी में फोन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं, लेकिन अभी इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी है. स्कूल, अस्पताल और दुकानें पहले से ही खोल दी गई हैं. घाटी में सुरक्षा व्यवस्था भले ही कड़ी हो लेकिन हालात सामान्य हैं. इसी बीच घाटी में आतंकियों की कमर तोड़ने के लिए सेना का कार्यक्रम जारी है.
(IANS इनपुट के साथ)