घाटी में 2 महीने बाद भी माहौल शांत होने का नाम नहीं ले रहा. रविवार को पुलवामा के करीमाबाद गांव में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई, जिसमें लगभग 50 प्रदर्शनकारी और सीआरपीएफ तथा पुलिस के 12 जवान घायल हो गए.
केंद्र और राज्य सरकार के बार-बार अपील करने के बाद भी यहां प्रदर्शन रुक नहीं रहे. अलगाववादी इतिहाद मिल्लत के बैनर तले रैलियां आयोजित कर रहे हैं. इससे पहले शनिवार को दक्षिण कश्मीर के दो गांवों में सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जहां सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई और दो लोग मारे गए थे. सरकार ने वहां सामान्य स्थिति बहाल करने में सहायता के लिए सेना को भेजा है.
शनिवार को मारे गए दो युवक
पुलिस ने कहा कि निषेधाज्ञा को धता बताते हुए दक्षिण कश्मीर के दो गांवों में सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, जहां सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई और दो लोग मारे गए. पुलिस ने कहा कि शोपियां के तुकरू और
अनंतनाग के बोतनगू गांव में प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले व पेलेट छोड़े और लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हो गए. मारे गए लोगों की पहचान सायार अहमद शेख (25) और यावार अहमद (23) के रूप
में हुई है. पुलिस के एक प्रवक्ता के अनुसार, शेख के सिर में आंसू गैस का गोला लग गया था. शोपियां के इस व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
घाटी में दो महीने में 78 लोगों की मौत
स्वास्थ्य कर्मियों के अनुसार, झड़प के दौरान अहमद के सीने और पेट में पेलेट लगी थी. अनंतनाग अस्पताल में ले जाने पर उसे भी मृत घोषित कर दिया गया. कश्मीर में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर
बुरहान वानी के 8 जुलाई को एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से झड़पों में मृत हुए लोगों की संख्या 78 हो गई है. इस दौरान 12 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी एवं नागरिक घायल हुए हैं. अलगाववादियों के बंद के
आह्वान के बाद से घाटी दो महीने से ज्यादा समय से बंद है.
दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अभियान छेड़ेगी सेना
सरकारी सूत्रों का कहना है कि सेना बड़े पैमाने पर दक्षिणी कश्मीर में आतंक विरोधी अभियान शुरू करेगी क्योंकि प्रशासन का मानना है कि पाकिस्तान के आतंकी नेता अपने गुर्गों के जरिए आंदोलन को सीधे प्रायोजित कर
रहे हैं.