जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में शराब को लेकर राजनीतिक उथल-पुथल मचा हुआ है. अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक शेख खुर्शीद ने कहा, "शराब पर प्रतिबंध विवाद और गरमाने वाला है, क्योंकि उमर अब्दुल्ला सरकार शराब पर बैन के लिए हो रहे शोर के बीच शराब मार्केट के विस्तार की योजना बना रही है."
उमर अब्दुल्ला सरकार ने नई शराब की दुकानों के विवाद पर बयान देते हुए किसी भी नए लाइसेंस की नीलामी से इनकार किया है.
विपक्ष इसे सरासर झूठ कह रहा है क्योंकि नीलाम की जाने वाली दुकानों की पूरी लिस्ट नई आबकारी नीति में है, जो उमर अब्दुल्ला सरकार का 15 फरवरी का आदेश है. अगर एनसी शराब पर प्रतिबंध के पक्ष में है, तो सीएम नीलामी क्यों नहीं रोक सकते.
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार द्वारा कोई नई शराब की दुकानें आवंटित नहीं की जा रही हैं और केवल पहले से आवंटित दुकानों की ही नीलामी की जा रही है.
मुख्यमंत्री का यह बयान उन रिपोर्ट्स के बाद आया है, जिनमें कहा गया है कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 83 नई शराब की दुकानों के लिए बोलियां शुरू की हैं.
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "मेरी सरकार द्वारा किसी भी नई शराब की दुकान का विज्ञापन या आवंटन नहीं किया जा रहा है. टीवी चैनलों और समाचार पोर्टल्स को तुरंत यह झूठ फैलाना बंद कर देना चाहिए."
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कितनी दुकानें हो रहीं नीलाम?
लिखित बयान में मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि 15 फरवरी को जारी जम्मू-कश्मीर आबकारी नीति के मुताबिक, 305 दुकानों (शराब की दुकानों) को ई-नीलामी के लिए रखा गया था और बोली प्रक्रिया के खत्म होने के बाद, 271 दुकानें सफल एच1 बोलीदाताओं को आवंटित की गईं. बचे 34 स्थानों को 7 मार्च को जारी सार्वजनिक नोटिस के जरिए फिर से नीलामी के लिए रखा जा रहा है.
बयान में कहा गया है कि इन 34 दुकानों के लिए बोली प्रक्रिया (जम्मू-कश्मीर बैंक द्वारा आयोजित की जाएगी) 17 मार्च को पूरी हो जाएगी. सरकार ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 से JKEL-2 की दुकानों की संख्या 305 बनी हुई है. इसमें कहा गया है कि जम्मू में ऐसी 291 दुकानें और कश्मीर में 14 दुकानें हैं.