जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य में राज्यपाल शासन लागू होने के मद्देनजर स्थिति पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. राज्य में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार गिरने के एक दिन बाद जम्मू कश्मीर में बुधवार को राज्यपाल शासन लागू किया गया.
दरअसल, बीजेपी ने 'व्यापक राष्ट्रीय हित' और 'सुरक्षा हालात के बिगड़ने' का जिक्र करते हुए क्षेत्रीय दल पीडीपी के साथ करीब तीन साल पुराना अपना गठबंधन तोड़ दिया. एक गजट अधिसूचना के मुताबिक वोहरा ने राज्यपाल शासन को हटाए जाने की घोषणा होने तक विधानसभा को निलंबित स्थिति में रख दिया है. मौजूदा विधानसभा का छह साल का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म हो रहा है.
अधिकारियों के मुताबिक राज्यपाल ने राज्य की स्थिति पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय पार्टियों की प्रदेश इकाई के प्रमुखों सहित सभी पार्टी प्रमुखों की एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा कि बैठक शुक्रवार शाम होगी.
माना जा रहा है कि राज्य में आतंकी हमले और घुसपैठ बढ़ सकती है. साथ ही अगले हफ्ते से अमरनाथ की यात्रा भी शुरू होने वाली है. बीजेपी ने 3 साल 3 महीने पीडीपी सरकार को समर्थन देने के बाद यह कहते हुए समर्थन वापस ले लिया था कि जिन मुद्दों को लेकर सरकार बनी थी उसमें कामयाबी नहीं मिली.
पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए राम माधव ने कहा कि तीन साल पहले जो जनादेश आया था, तब ऐसी परिस्थितियां थीं जिसके कारण ये गठबंधन हुआ था. लेकिन जो परिस्थितियां बनती जा रही थीं उससे गठबंधन में आगे चलना मुश्किल हो गया था. राज्य सरकार कई मुद्दों पर फेल रही, इसलिए गठबंधन वापस लिया जा रहा है.
राज्यपाल शासन लागू होने के बाद विधानसभा निलंबित हो गई है. राज्य में 6 साल चलने वाले विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म होगा. सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी राष्ट्रीय दलों के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा क्षेत्रीय दल भी शामिल होंगे. बैठक में राज्य के वर्तमान हालात पर चर्चा की जाएगी.