जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया है. इसके बाद अब चुनाव आयोग इसकी समीक्षा करेगा कि क्या जम्मू-कश्मीर में नए चुनाव के ऐलान से पहले आदर्श आचार संहिता लागू की जा सकती या नहीं.
जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं. ये चुनाव दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक होंगे. यही नहीं, सर्दियां भी शुरू हो चुकी हैं. ऐसे में राज्य में तुरंत विधानसभा चुनाव कराना मुश्किल लगता है.
बता दें कि हाल ही में चुनाव आयोग ने फैसला लिया था कि जिन राज्यों में विधानसभाएं अपनी समय सीमा से पहले भंग कर दी गई हैं. वहां, पर तत्काल प्रभाव के आचार संहिता लागू की जाएगी. इसके पीछे मकसद ये है कि सरकार और सत्ताधारी दल को अहम नीतिगत फैसले लेने से रोक लगाना है.
हालांकि आम तौर पर चुनाव आयोग जब चुनाव की तारीख का ऐलान करता है, उसी समय से आचार संहिता लागू होती है. लेकिन तेलंगाना ऐसा पहला राज्य था जहां विधानसभा भंग किए जाने की सिफारिश के बाद ही आचार संहिता लागू हो गई थी.
ऐसे में जम्मू-कश्मीर में भी क्या तेलंगाना की तर्ज पर आचार संहिता लागू की जाएगी. हालांकि तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर दोनों के मामले काफी अलग हैं. सीएम ने वहां खुद ही विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी. जबकि यहां तकरीबन पिछले 5 महीने से कोई सरकार नहीं थी और विधानसभा निलंबित थी.