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कश्मीर की तुलना दूसरे राज्यों से नहीं हो सकती: उमर

जम्मू कश्मीर को लेकर एक बार फिर सरगर्मियां तेज हैं. एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट राज्य को अनुच्छेद 35ए के जरिये मिले विशेषाधिकार की वैधता पर सुनवाई करेगा, वहीं मुख्य विपक्षी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने राज्य को ज्यादा स्वायत्तता देने की मांग की है. इस बीच केंद्र की तरफ से वार्ता के लिए नियुक्त किए गए विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा भी श्रीनगर पहुंचे हैं.

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उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला

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जम्मू कश्मीर को लेकर एक बार फिर सरगर्मियां तेज हैं. एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट राज्य को अनुच्छेद 35ए के जरिये मिले विशेषाधिकार की वैधता पर सुनवाई करेगा, वहीं मुख्य विपक्षी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने राज्य को ज्यादा स्वायत्तता देने की मांग की है. इस बीच केंद्र की तरफ से वार्ता के लिए नियुक्त किए गए विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा भी श्रीनगर पहुंचे हैं.

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने रविवार को पार्टी सम्मेलन में भारत के संविधान के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को अधिक स्वायत्तता दिए जाने की मांग. उमर ने कहा, 'आप दूसरे राज्यों से कश्मीर की तुलना मत कीजिए. हमारा भारत के साथ विलय नहीं हुआ था, हमारे पास अपना खुद का संविधान है, हमारा अपना निशान है. भारतीय संविधान के मुताबिक जम्मू कश्मीर को स्वायत्तता दी जाए.'

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नेशनल कॉन्फ्रेंस की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, 'हम स्वायत्तता बहाल करने और अनुच्छेद 370 को उसके मूल स्वरूप में बहाल करने का प्रयास जारी रखेंगे.'

उमर अब्दुल्ला ने यहां कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए सभी संबंधित पक्षों से लगातार बातचीत किए जाने पर भी जोर दिया. उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'कश्मीर की समस्या का हल बातचीत से ही निकल सकता है. इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है. जम्मू-कश्मीर का मसला पैसों और गोलियों के दम पर नहीं सुलझ सकता है. यह केवल बातचीत से ही सुलट सकता है.'

इस बीच कश्मीर में दोबारा शांति स्थापित करने और उनकी शिकायतें सुलझाने के लिए केंद्र की तरफ से नियुक्त किए गए विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा ने राज्य के राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की. शर्मा और वोहरा के बीच यहां कश्मीर हाऊस में करीब एक घंटे तक बातचीत चली, जिसमें सभी पक्षों से प्रस्तावित वार्ता के व्यापक मापदंड पर चर्चा की.

हालांकि कश्मीर के लिए दिनेश्वर शर्मा को विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने के पीछे की मंशा पर भी उमर अब्दुल्ला पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह के एक हालिया बयान का हवाला देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह अपने मंत्रियों को कश्मीर मुद्दे पर परस्पर-विरोधी बयान जारी नहीं करने का निर्देश दें.

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दरअसल जितेंद्र सिंह ने कहा था कि 'कश्मीर मुद्दे जैसी कोई चीज नहीं है.' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिंह ने कहा कि कश्मीर में कोई विवाद ही नहीं है, अन्य राज्य की तरह ये भी भारत का ही एक हिस्सा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुद्दा सिर्फ ये है कि हमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेना है.

इस उमर अब्दुल्ला ने कटाक्ष करते हुए केंद्र सरकार के मंत्री प्रधानमंत्री की नहीं सुनते हैं. उन्होंने कहा कि 'केंद्रीय मंत्रियों की ओर से परस्पर विरोधी बयान आने की वजह से' खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा असमंजस में पड़ जाएंगे.

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