जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी सरकार के पतन के बाद राज्य में आतंकी हमलों की आशंका काफी बढ़ गई है, ऐसे में जारी अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए सेना ने इस पूरी यात्रा रूट पर एक अतिरिक्त ब्रिगेड की तैनाती कर दी है.
केंद्र सरकार की ओर से अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी होने के बाद भारतीय सेना को ऐसे संकेत लगातार मिल रहे हैं कि सीमापार से आतंकी अमरनाथ यात्रा को बाधित करने के लिए श्रद्धालुओं पर हमला कर सकते हैं, साथ ही आतंकी भारतीय नियंत्रण रेखा एलओसी से घुसपैठ कर सकते हैं.
अतिरिक्त ब्रिगेड की तैनाती
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सेना ने अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाए रखने के लिए कश्मीर घाटी में अतिरिक्त ब्रिगेड की तैनाती कर दी है.इस बीच लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर किसी तरह की आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिए भी एक अन्य ब्रिगेड को सीमा पर लगा दिया गया है. हर ब्रिगेड में 3,000 जवान होते हैं.
एनएसजी की भी ड्यूटी लगी
इससे पहले सीजफायर के दौरान आतंकियों के बढ़े हौसलों को देखते हुए सरकार ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए ब्लैक कैट कमांडो एनएसजी को अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा सौंप दिया. गृह मंत्रालय ने दो दर्जन एनएसजी के कमांडो की तैनाती की है. यह पहली बार है जब अमरनाथ यात्रा की पहरेदारी की जिम्मेदारी एनएसजी को दी गई है.साथ ही अमरनाथ यात्रा के संवेदनशील जगहों पर ड्रोन कैमरों से नजर रखी जा रही है. इसके अलावा निजी वाहनों पर आतंकी खतरे से निपटने और उस पर नजर रखने के लिए उन्हें अलग से कार्ड दिए जा रहे हैं. सीआरपीएफ की 238 कंपनी भी सुरक्षा में लगाई गई है.
सूत्र बताते हैं कि अभी एलओसी पर शांति दिख रही है, पाकिस्तान से आने वाले आतंकी एलओसी के बेहद करीब पहुंच चुके हैं और ऐसी संभावना है कि आर्मी बेस कैम्पों समेत सैन्य दस्तों पर हमले किए जा सकते हैं.
मिल रही पाक मदद
सैन्य खुफिया से जुड़े सूत्र यह जानकारी भी देते हैं कि पाकिस्तानी सेना आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ के लिए हथियार तो मुहैया कराते हैं ही, साथ में रात में दिखने वाले यंत्र और रात में आग से बचाने वाले एंटी थर्मल जैकेट समेत कई चीजें भी उपलब्ध करा रहे हैं.सेना को यह भी जानकारी हाथ लगी है कि आतंकी हमले के लिए आतंकवादी 5-6 लोगों के छोटे-छोटे ग्रुपों में इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं.
रमजान के बाद ऑपरेशन तेज
पिछले महीने रमजान के बाद सीजफायर खत्म होने के बाद फिर सेना ने घाटी में अपना ऑपरेशन तेज कर दिया है. इस बीच सेना प्रमुख बिपिन रावत ने पिछले हफ्ते एक बार फिर आतंकियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य वो आतंकी हैं, जो घाटी में हिंसा फैला रहे हैं. हम किसी नागरिक को अपना निशाना नहीं बना रहे हैं.बिपिन रावत ने कहा कि सेना घाटी में पहले की ही तरह सख्त रवैये के साथ अपना ऑपरेशन आगे बढ़ाएगी. हमने अभी तक जो भी ऑपरेशन चलाए हैं उसमें हमारी कोशिश रही है कि उससे लोगों को कम नुकसान पहुंचे.
साथ ही भारतीय सेना प्रमुख ने उन रिपोर्ट्स और बयानों को पूरी तरह से खारिज कर दिया कि सेना यहां काफी क्रूरता के साथ अपने ऑपरेशन को चला रही है. जम्मू-कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी की गई रिपोर्ट को सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बेबुनियाद बताया.