जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से पिछले दो दिनों में आतंकियों द्वारा पुलिसकर्मियों के परिजनों को अगवा किया गया है, उससे हर कोई हैरान है. परिजनों को ढूंढने के लिए सुरक्षाबलों की तरफ से बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाया गया है.
इस मसले पर लगातार राजनीतिक टिप्पणियां भी आ रही हैं. राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि आतंकी और सेना की तरफ से एक-दूसरे के परिवारवालों को नुकसान पहुंचाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. इस तरह के मामले में किसी भी तरह से परिवारवालों को निशाना नहीं बनाना चाहिए.
Militants and forces victimising each other’s families is highly condemnable and marks a new low in our situation.Families shouldn’t become casualties and made to suffer for something they have little control over.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 31, 2018
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट कर इन घटनाओं की निंदा की थीं. उन्होंने लिखा कि किसी भी तरह से इन मामलों में परिवारवालों को नुकसान पहुंचना पूरी तरह से गलत है. वहीं पीडीपी की ओर से कहा गया कि जो भी हो रहा है वह गलत है, किसी को भी किसी के परिवार पर हमला नहीं करना चाहिए.
I don’t condone any families being harassed but how about a word of condemnation for the harassment and worse still the kidnapping of families of @JmuKmrPolice personnel. https://t.co/t0uFk248EX
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 31, 2018
बता दें कि शुक्रवार तक आतंकियों ने पुलिसकर्मियों के करीब 10 परिजनों को अगवा किया है. जिन 10 लोगों को अगवा किया गया है, उनमें पुलिसवालों के बेटे-भाई शामिल हैं. पुलिस ने सभी को ढूंढने के लिए एक बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया है. किडनैप होने वाले लोगों में दक्षिण कश्मीर के डीएसपी मोहम्मद शाहिद का भतीजा, दूसरे डीएसपी एजाज का भाई भी शामिल है.
पिछले कुछ समय से ऐसा ट्रेंड देखने को मिला है, आतंकी अब सीधे पुलिसवालों को ही निशाने पर ले रहे हैं. अभी कुछ दिन पहले घाटी में 24 घंटे के अंदर ही तीन पुलिसकर्मियों को मार दिया था. और अब इस प्रकार परिजनों को अगवा करना सुरक्षाबलों की चिंता बढ़ा सकता है.