पाक अधिकृत कश्मीर में भारत के सर्जिकल स्ट्राइल के बाद आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के बारामूला में बीती रात 46 राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर हमला बोल दिया. रात करीब साढ़े दस बजे आतंकियों ने एके-47 और ग्रेनेड से हमला किया. अंधाधुंध फायरिंग करते हुए आतंकी सेना के कैंप के अंदर घुसने की फिराक में थे, लेकिन सतर्क सुरक्षाबलों ने फौरन जवाबी कार्रवाई की. इस हमले में दो आतंकी ढेर हो गए. आइए हम आपको बताते हैं कि आतंकियों ने कैसे इस हमले को अंजाम दिया और कैसे सेना के जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की.
तीन घंटे तक हुई फायरिंग
आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पलक झपकते ही मोर्चा संभाल लिया. इस दौरान दोनों तरफ से भारी गोलीबारी हुई. शुरुआती फायरिंग के बाद ही सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी ढेर हो गए थे. बाकी
आतंकवादियों की तरफ से रुक-रुक कर फायरिंग जारी रही. आतंकवादियों ने राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप के मेन गेट और उससे सटे बीएसएफ की इको-40 कंपनी के कैंप पर अंधाधुंध फायरिंग की और ग्रेनेड दागे. इस दौरान बीएसएफ का
एक जवान घायल भी हो गया. सेना की तरफ से करीब तीन घंटे तक चली जवाबी कार्रवाई के बाद रात करीब डेढ़ बजे फायरिंग रुक गई. हालांकि तलाशी अभियान जारी है.
दो गुट में हमला करने आए आतंकी
उरी हमले और हाल में पीओके में सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया था. दरअसल रात करीब साढ़े दस बजे आतंकवादियों के दो गुटों ने 46 राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर हमला
किया. दो गुटों में आए 4 से 6 आतंकियों ने किया हमला. गाड़ी या एंबुलेंस से आए ये आतंकवादी दो गुटों में बंट गए. पहले गुट ने राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप के मुख्य प्रवेश द्वार पर हमला बोला. वहीं दूसरे गुट ने झेलम नदी के
किनारे से कैंप पर हमला किया. फिदायीन आतंकवादियों ने एके-47 और ग्रेनेड से हमला किया.
दो तरफ से हमला कर आर्मी कैंप में घुसने का था प्लान
साफ था कि सेना के कैंप पर दो तरफा हमला कर आतंकवादी कैंप के अंदर दाखिल होना चाहते थे. आतंकियों की प्लानिंग कुछ वैसा ही हमला करने की थी जैसा उन्होंने उरी में सेना मुख्यालय में अंजाम दिया था. हालांकि सुरक्षाबलों
की सतर्कता की वजह से आतंकियों का ये हमला नाकाम हो गया.
पहले से थी आतंकी हमले की आशंका
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की तरफ से ऐसे हमले की आशंका पहले ही जताई जा रही थी. सेना और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट रखा गया था. यही वजह है कि बेहद कम समय में सेना ने
आतंकवादियों के इस फिदायीन हमले को नाकाम कर दिया.
10 महीनों में 4 बड़े आतंकी हमले
इसी साल सेना पर चार-चार बड़े आतंकी हमले हो चुके हैं. साल के शुरू में ही 2 जनवरी को आतंकवादियों ने पठानकोट में वायुसेना के एयरबेस पर आतंकी हमला किया. ये सैन्य प्रतिष्ठान पर साल का पहला बड़ा हमला था. इसके
बाद आतंकवादियों ने 25 जून को जम्मू-कश्मीर के पंपोर में सीआईएसएफ की बस पर हमला बोला. इसी साल 18 सितंबर को उरी में सेना के मुख्यालय पर हमला किया. इस हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे. जबकि बीती रात
आतंकवादियों ने बारामूला में आतंकी हमले को अंजाम दिया.
Baramulla Incident situation contained and under control @adgpi
— NorthernComd.IA (@NorthernComd_IA) October 2, 2016
सेना ने बताया- हालात काबू में
सेना ने ट्वीट कर हालात काबू में होने की जानकारी दी. गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस आतंकी हमले पर नजर बनाए हुए थे. उन्होंने देर रात एनएसए और बीएसएफ के डीजी से भी बात की. उरी हमले के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक के
तौर पर मुंह की खाने के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकत से बाज आने के तैयार नहीं है. जम्मू कश्मीर के बारामूला में पाक समर्थित आतंकवादियों ने सेना के कैंप पर हमला किया. लेकिन सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने आतंकियों के मंसूबों
पर पानी फेर दिया.