जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के जरिए मिले विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद पांचवें दिन यानी आज शुक्रवार 3 मायनों में बेहद खास रहा जिसमें सबसे अहम बात यह रही कि इसको लेकर एक तारीख मुकर्रर हो गई कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के संसद से पास होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के रूप में किस दिन भारत के नक्शे पर अवतरित होगा.
अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहला जुमा था और यह दिन अपेक्षाकृत शांति से निकल गया. शाम होते-होते खबर आई कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर हस्ताक्षर करने के साथ ही अपनी रजामंदी दे दी. राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद अब जम्मू-कश्मीर राज्य के बंटवारे और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बनने का रास्ता साफ हो गया. आज से 84वें दिन लद्दाख भी केंद्र शासित प्रदेश के रूप में भारतीय नक्शे पर नजर आएगा.
Jammu & Kashmir and Ladakh to come into existence as separate Union Territories on October 31. pic.twitter.com/5FrN5PKkSs
— ANI (@ANI) August 9, 2019
करगिल हुआ लद्दाख के साथ
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद केंद्र सरकार ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे. अविभाजित जम्मू-कश्मीर अब तक राज्य की हैसियत से था, लेकिन अब उसे केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पड़ेगा. जबकि जम्मू-कश्मीर से अलग किए गए लद्दाख को करगिल के साथ मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है.
भारत सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान में ज्यादा खलबली मची हुई है और उसने पिछले कुछ घंटों में बड़े फैसले लेते हुए व्यापारिक संबंध खत्म कर लिया और राजनयिक संबंध कम कर लिया है. इसके अलावा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैसले के खिलाफ भारत पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है.
पाकिस्तान में बेचैनी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को चीन भेजा है. माना जा रहा है कि कुरैशी चीन के शीर्ष नेताओं से भारत की ओर से घाटी में उठाए गए कदमों पर चर्चा करेंगे.
हालांकि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के भारत के ऐतिहासिक फैसले पर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. विश्व के कई देशों ने इस मसले पर पाकिस्तान को झटका देते हुए साथ नहीं दिया है. अमेरिका समेत कई देशों ने इसे दोनों देशों का आंतरिक मामला करार दिया, साथ ही पाकिस्तान को हिदायत दी है कि वह कोई भी एकतरफा कार्रवाई न करे.
दूसरी ओर, राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में भारी सुरक्षा व्यवस्था लगा रखी है और कई क्षेत्रों में कर्फ्यू और धारा 144 लगा हुआ है. हालांकि आज शुक्रवार को जम्मू से धारा 144 हटा ली गई जबकि कश्मीर में अभी भी यह व्यवस्था कायम है. घाटी में जुमे की नमाज शांति संपन्न हो गई. अब सबकी नजर 12 अगस्त को बकरीद पर है कि घाटी में किस तरह की प्रतिक्रिया होती है.