
जम्मू-कश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश बनने के बाद यहां बदलाव की बयार बह रही है. पुलवामा और शोपियां में एक मल्टीपर्पज सिनेमा हॉल का शुभारंभ किया गया है, जहां घाटी के लोग फिल्मी गीतों की मधुर झंकार सुन सकेंगे, जबकि एक समय में ये इलाका सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच होने वाली मुठभेड़ के दौरान गोलियों की आवाज से थर्रा उठता था.
अनंतनाग, राजौरी, श्रीनगर में जल्द खुलेंगे सिनेमा हॉल
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पुलवामा और शोपियां में मल्टीपर्पज सिनेमा हॉल का उद्घाटन किया. जल्द ही अनंतनाग, श्रीनगर, बांदीपोरा, गंदेरबल, डोडा, राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़ और रियासी में भी सरकार इस तरह के मल्टीपर्पज सिनेमा हॉल खोलने जा रही है. इस मौके पर मनोज सिन्हा ने कहा कि इन सिनेमा हॉल में फिल्म की स्क्रीनिंग के साथ-साथ इंफोटेनमेंट के कई शोज हो सकेंगे. वहीं युवाओं का कौशल विकास भी होगा.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हर जिले में 'मिशन यूथ' के तहत इसी तरह के मल्टीपर्पज सिनेमा हॉल खोले जाने हैं. कल्चर, वैल्यू और आकांक्षाओं को दिखाने का सिनेमा एक मजबूत और क्रिएटिव माध्यम है. सिनेमा की दुनिया से जम्मू-कश्मीर का पुराना नाता रहा है. नई फिल्म नीति और सुविधाओं से इसे एक बार फिर बेहतरीन शूटिंग डेस्टिनेशन बनान पर काम किया जा रहा है. इससे यहां के युवाओं को रोजगार मिलने के साथ-साथ कौशल विकास भी होगा.
सिनेमा ने देश को दिए रोल मॉडल
ये मल्टीपर्पज सिनेमा हॉल मिशन यूथ, जिला प्रशासन और जादूज ग्रुप के सहयोग से पुलवामा और शोपियां के जिला मुख्यालय में बनाया गया है. मनोज सिन्हा ने कहा कि सिनेमा ने देश में बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई है. इसने देश को कई रोल मॉडल दिए, तो देश और समाज के लिए काम करने को लेकर प्रेरणा भी दी है.
120 feet tall National Flag dedicated to the nation at Pulwama. One Nation, One Emotion, One Identity! pic.twitter.com/hewVwOb3P3
— Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) September 18, 2022
इसके अलावा मनोज सिन्हा ने पुलवामा में 120 फुट ऊंचे तिरंगा को भी जनता को समर्पित किया. इस बारे में एक ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा-एक देश, एक भावना और एक पहचान.
सिनेमा हॉल खोलने से हकीकत नहीं बदलेगी
सिनेमा हॉल खोलने को लेकर विपक्ष ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर पलटवार किया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एक बयान में कहा कि सिनेमा हॉल को दोबारा खोलने से कश्मीर की जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी. क्या सिनेमा हॉल खोलने से बेरोजगारी दूर हो जाएगी. सरकार जम्मू-कश्मीर में गवर्नेंस देने में विफल रही है.