भारत सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल को बढ़ावा देने के लिए एक अहम बैठक बुलाई गई है. गुरुवार दोपहर तीन बजे होने वाली इस बैठक की अगुवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जिसमें जम्मू-कश्मीर के करीब एक दर्जन नेता शामिल होंगे. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद ये जम्मू-कश्मीर को लेकर सबसे बड़ी राजनीतिक हलचल है. ऐसे में ये बैठक क्यों अहम हो जाती है, इस बैठक से क्या उम्मीदें हैं. इन प्वाइंट्स में समझिए...
1. जानकारी के मुताबिक, सरकार की ओर से ये बैठक जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए बुलाई गई है. जम्मू-कश्मीर अभी एक केंद्रीय शासित प्रदेश है, हालांकि यहां विधानसभा भी है.
2. ऐसे में बैठक में एक बड़ा मुद्दा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को लेकर हो सकता है. साल 2018 के बाद जम्मू-कश्मीर में कोई चुनी हुई सरकार नहीं है. हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव, 2020 के DDC चुनाव में जम्मू-कश्मीर ने हिस्सा लिया था.
3. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराना अभी इतना आसान भी नहीं है. यहां परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें लंबा वक्त जा सकता है. मीटिंग में इस मसले को भी छुआ जा सकता है. मीटिंग से कुछ वक्त पहले ही परिसीमन ग्रुप की मीटिंग हुई है.
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4. बुधवार को ही चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के मसले पर एक मीटिंग की है. जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के करीब 20 डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए थे.
5. जम्मू-कश्मीर को अलग केंद्रीय शासित प्रदेश बनाने के साथ ही यहां विधानसभा सीटें बढ़ाई गई हैं. अभी यहां 114 सीटें हैं, जिनमें से 24 पीओके की हैं. यानी मौजूदा वक्त में चुनाव के लिए करीब 90 सीटें होंगी.
6. इस महाबैठक में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के आंतरिक मसले ही नहीं, बल्कि इससे जुड़े कुछ बाहरी मसलों पर चर्चा हो सकती है. इनमें अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं का हटना, लद्दाख में चीनी सैनिकों का लगातार परेशानी बढ़ाने जैसे मसले शामिल हैं.
7. मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के एक दर्जन दलों को बुलाया गया है. गुपकार ग्रुप ने बीते दिनों ही मीटिंग कर ये फैसला लिया था कि वो भी मीटिंग में शामिल होंगे. इनमें फारुक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन जैसे नाम शामिल हैं
8. गुपकार ग्रुप के अलावा कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि भी इस मीटिंग में शामिल होंगे. जम्मू रीजन में भाजपा का वर्चस्व रहा है. वहीं, कांग्रेस ने मनमोहन सिंह की अगुवाई में एक मीटिंग कर इसमें शामिल होने का निर्णय लिया.
9. बैठक में शामिल होने के लिए महबूबा मुफ्ती दिल्ली पहुंच गई हैं. उन्होंने कहा है कि वो खुले दिल से चर्चा करेंगी. हालांकि, इसी हफ्ते उन्होंने ये भी कहा था कि अनुच्छेद 370 को वापस देना चाहिए और जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान से बात करनी चाहिए.
10. इस महा मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, एनएसए अजित डोभाल समेत अन्य कुछ अधिकारी शामिल होंगे.