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महबूबा मुफ्ती की रिहाई के लिए बेटी पहुंचीं SC, दाखिल की हैबियस कॉर्पस

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने सुप्रीम कोर्ट में बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. इल्तिजा का आरोप है कि महबूबा को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है.

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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो-PTI)
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो-PTI)

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने सुप्रीम कोर्ट में बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. इल्तिजा का आरोप है कि महबूबा को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है. महबूबा को फरवरी 2020 में पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया था. तब से वह हिरासत में ही हैं.

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इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि मैंने पीएसए आदेश और हिरासत को बढ़ाए जाने को चुनौती दी है. लोकतंत्र में उनकी नजरबंदी अवैध और निर्विवाद है. एक प्रमुख विपक्षी नेता को एक साल से अधिक समय तक बिना सुनवाई के जेल में रखा गया है. इल्तिजा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन को फरवरी के आदेश पर जवाब दाखिल करना था, लेकिन अब तक उन्होंने नहीं किया. 

गौरतलब है कि पीएसए एक कानून है, जिसे जम्मू और कश्मीर में लागू किया गया है, जिसके आधार पर किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है. राज्य से धारा-370 के हटाए जाने के बाद तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत छह नेताओं पर पीएसए लगाया गया था.

पीएसए के तहत फारुक अब्दुला को अगस्त 2019 में हिरासत में लिया गया था. उसके बाद उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ता पर पीएसए  लगाया गया था. खास बात है कि दोनों को पहले सीआरपीएसी के सेक्शन 107 के तहत 6 महीने हिरासत में रखने के बाद पीएसए लगाया गया.

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हालांकि, उमर और फारुख अब्दुल्ला को इसी साल रिहा कर दिया गया, लेकिन महबूबा मुफ्ती अब तक पीएसए के तहत जेल में बंद हैं. गृह मंत्रालय ने संसद में कहा कि कोई भी नेता हाउस अरेस्ट नहीं है. महबूबा मुफ्ती को छोड़कर अन्य सभी नेता कहीं भी आ-जा सकते हैं.

 

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