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जम्मू में रहस्यमयी बीमारी से 17वीं जान गईं, मौत का कारण पता लगाने के लिए केंद्र की टीम राजौरी पहुंची

जम्मू के राजौरी में रहस्यमयी बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई. रविवार को एक और व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. मरीजों ने अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों के भीतर मरने से पहले बुखार, दर्द, मतली और बेहोशी की शिकायत की.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

जम्मू के राजौरी में रहस्यमयी बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई. रविवार को एक और व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. इस बीच एक उच्चस्तरीय अंतर-मंत्रालयी टीम रविवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पहुंची. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को सुदूर बधाल गांव में एक-दूसरे से जुड़े तीन परिवारों में हुई मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम के गठन का आदेश दिया था.

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7 से 12 दिसंबर के बीच नौ सदस्यों की मौत
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में इलाज करा रहे मोहम्मद असलम के छह बच्चों में से आखिरी यास्मीन कौसर की आज शाम मौत हो गई. कौसर के पांच भाई-बहनों और दादा-दादी की पिछले हफ्ते मौत हो गई थी. 7 से 12 दिसंबर के बीच गांव में दो परिवारों के नौ अन्य सदस्यों की मौत हो गई थी.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों ने मौतों की जांच की, लेकिन अभी तक सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है. गृह मंत्री ने अंतर-मंत्रालयी विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है और वे यहां पहुंच चुके हैं.' उन्होंने कहा कि पुलिस ने अन्य एंगल से घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है. सिन्हा ने कहा, 'असली कारण सामने आने के बाद हम आपको जानकारी देंगे.'

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अधिकारियों ने बताया कि 16 सदस्यीय टीम आज शाम राजौरी जिला मुख्यालय पहुंची और सोमवार को शहर से 55 किलोमीटर दूर पहाड़ी गांव का दौरा करने की संभावना है. केंद्रीय टीम पीड़ितों को तुरंत राहत पहुंचाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगी. मौत के कारणों को समझने के लिए देश के कुछ सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है.

मरीजों में आए थे ये लक्ष्ण
मरीजों ने अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों के भीतर मरने से पहले बुखार, दर्द, मतली और बेहोशी की शिकायत की. इससे पहले, जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि जांच और नमूनों से स्पष्ट रूप से पता चला है कि ये घटनाएं जीवाणु या वायरल मूल की किसी संक्रामक बीमारी के कारण नहीं थीं.

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