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'आजतक' पर स्टिंग से हुर्रियत में फूट, गिलानी ने नेशनल फ्रंट को किया बाहर

आजतक के ऑपरेशन हुर्रियत का जिक्र करते हुए गिलानी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग हमारे आंदोलन को अपने धर्म की तरह मानते आए हैं. कुछ लोग हमारे आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

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सैयद अली शाह गिलानी
सैयद अली शाह गिलानी

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आजतक के स्टिंग ऑपरेशन हुर्रियत ने कश्मीर घाटी में अलगाववादी नेताओं के चेहरे को बेनकाब कर दिया है. इस स्टिंग ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में खलबली मचा दी है. इसी का असर है कि शनिवार को ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सैयद अली शाह ने सहयोगी पार्टी नेशनल फ्रंट को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की प्राथमिक सदस्यता से सस्पेंड कर दिया है. यह सस्पेंशन तत्काल प्रभाव से श्रीनगर और हुर्रियत चैप्टर में लागू होगा. आजतक के ऑपरेशन हुर्रियत का जिक्र करते हुए गिलानी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग हमारे आंदोलन को अपने धर्म की तरह मानते आए हैं. कुछ लोग हमारे आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

गिलानी ने कहा, 'हमने नईम अहमद खान सहित सभी संवैधानिक सदस्यों को बुलाया, ताकि वे एक्जीक्यूटिव बॉडी के समक्ष अपना मत रख सके. हालांकि पुलिस प्रशासन ने उन्हें हैदरपोरा में अपने आवास पर बैठक करने की इजाजत नहीं दी.'

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सैयद अली शाह गिलानी ने कहा कि नईम अहमद ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्टिंग वाले वीडियो क्लिप पर सवाल खड़ा किया है. और जैसा कि उन्होंने मुझमें विश्वास जताया है, जब तक कि इस मामले में सच्चाई सामने नहीं आ जाती, निलंबन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि फोरम का हेड होने के नाते मेरी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि अपने दायित्व को पूरा करूं.

क्या है नेशनल फ्रंट बता दें कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो धड़े हैं. इनका नेतृत्व मीर वाइज उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी के पास है. नेशनल फ्रंट नईम खान की पार्टी है, जो अलगाववादियों के संगठन ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का हिस्सा है. पहले यह मीर वाइज उमर फारूक वाले धड़े के साथ थे. बाद में 2014 में हुर्रियत में बंटवारा हुआ. मीर वाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत के खिलाफ चार नेताओं ने बगावत कर दी. इनमें नईम खान भी था. 9 सितंबर 2015 को शब्बीर शाह और नईम खान, शिया लीडर आगा हसन के साथ सैयद अली शाह गिलानी वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (G) में शामिल हो गए.

जानिए आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में क्या खुलासे हुए थे -

1. आजतक/इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम (SIT) ने अपनी तहकीकात में पत्थरबाजों के धूर्त फाइनैंसर्स को बेनकाब किया था. ये हमेशा माना जाता रहा है कि कश्मीर घाटी में गर्मियों में फैलाई जाने वाली गड़बड़ी के तार सरहद पार बैठे स्पॉन्सर्स से जुड़े होते हैं. लेकिन पहली बार इंडिया टुडे को इस संबंध में पुख्ता सबूत जुटाने में कामयाबी मिली.

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2. कैमरे पर हुर्रियत के कई नेताओं ने कबूल किया कि उन्हें पाकिस्तान से फंड मिलता है ताकि घाटी में अशांति का माहौल बनाए रखा जा सके.

3. हुर्रियत के गिलानी धड़े के प्रांतीय अध्यक्ष नईम खान से हमारे अंडरकवर रिपोर्टर्स ने संपर्क साधा और खुद को काल्पनिक धनकुबेर बताते हुए कश्मीर के अलगाववादियों को फंडिंग की इच्छा जताई. नईम फिर चोरी छिपे ढंग से अंडरकवर रिपोर्टर्स से मिलने दिल्ली तक पहुंच गया.

4. नईम ने जो खुलासे किए वो चौंकाने वाले थे. नईम खान कैमरे पर ये कहते हुए कैद हुआ कि 'पाकिस्तान पिछले 6 साल से कश्मीर में बड़ा प्रदर्शन खड़ा करने के लिए हाथ-पैर मार रहा है.'

5. घाटी में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए किस स्तर पर पैसा धकेला जा रहा है, इस पर नईम खान ने कहा, 'पाकिस्तान से आने वाला पैसा सैकड़ों करोड़ से ज्यादा है, लेकिन हम और ज्यादा की उम्मीद करते हैं.'

6. हुर्रियत नेता ने ये भी कबूला कि किस तरह इस्लामाबाद काले धन की धुलाई को भी अंजाम दे रहा है. इस तरह कैमरे पर किसी भी कश्मीरी अलगाववादी नेता ने पहली बार ये खुलासा किया.

7. स्टिंग में हुर्रियत नेताओं के कबूलनामे से साफ हुआ कि घाटी में दिखाए जाने वाले गुस्से की स्क्रिप्ट किस तरह पाकिस्तान लिखता है. साथ ही घाटी के असली खलनायकों का काले चिट्ठे का भी खुलासा होता है.

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