कश्मीर समस्या पर बातचीत के नियुक्त वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा सोमवार को घाटी के दौरे पर पहुंच गए हैं. इस दौरान उन्हें कश्मीर से जुड़े तमाम लोगों से बातचीत करनी है. जबकि उनके दौरे से पहले ही अलगाववादी ने इससे इनकार कर चुके हैं. जिस पर जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा है कि अलगाववादियों को बातचीत करनी चाहिए.
उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने दिनेश्वर शर्मा के दौरे पर कहा कि अगर अलगाववादी कश्मीरी लोगों के 'शुभचिंतक' हैं तो उन्हें केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा से बातचीत करनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा, 'अगर वे (हुर्रियत) कश्मीरी लोगों के शुभचिंतक हैं तो उन्हें शर्मा से बाचतीत करनी चाहिए'.
दरअसल, अलगाववादियों के तीनों संगठनों के समूह 'ज्वाइंट रेसिसटेंस फोरम' ने घोषणा की थी कि वे वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा से नहीं मिलेंगे. समूह ने उनकी नियुक्ति को केंद्र की 'देर करने की रणनीति' बताया था.
सिंह ने कहा कि राज्य में शांति बहाली के लिए उन सभी लोगों को वार्ता प्रक्रिया में भाग लेना चाहिए जो शांति में भरोसा करते हैं. निर्मल सिंह ने ये भी कहा कि अगर कुछ लोग बातचीत से दूर रहते हैं तो वे अपना ही पर्दाफाश करेंगे.
महबूबा मुफ्ती ने जताई बातचीत की उम्मीद
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने खुद को आशावादी बताते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है घाटी के दल और संगठन इस मौके को नहीं गवाएंगे.
मोदी सरकार ने हाल ही में आईबी के पूर्व चीफ दिनेश्वर शर्मा को कश्मीर समस्या पर बातचीत के लिए वार्ताकार नियुक्त किया है. जिसके बाद सोमवार को पहली दिनेश्वर शर्मा कश्मीर पहुंचे हैं. हालांकि, कश्मीर के राजनीतिक दलों से लेकर अलगाववादी संगठनों ने उनकी नियुक्ति को महज मोदी सरकार की रणनीति करार दिया है और उनके बातचीत न करने का ऐलान किया है.