जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी झंडे के बाद अब अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवैंट (ISIS) का झंडा फहराया गया है. घटना श्रीनगर के जामिया मस्जिद इलाके की है.
झंडा फहराने वाले प्रदर्शनकारियों के गुट ने पुलिस पर पत्थरबाजी भी की. जुम्मे की नमाज के बाद नौहाटा चौक पर कुछ युवक जमा हुए और पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों पर पत्थरबाजी की. इसी दौरान चेहरे पर नकाब ओढ़े हुए कुछ लोगों ने आईएसआईएस का झंडा भी फहराया.
यह नमाज अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुक की ओर से बुलाई गई थी. जैसे ही वह नमाज खत्म करके बाहर आए, उनके समर्थकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी.
PDP की नजर में यह छोटी घटना
वहीं बीजेपी के साथ मिलकर प्रदेश सरकार चला रही पीडीपी ने इसे 'छोटी घटना' करार दिया है. पार्टी नेता अभिजीत जसरोटिये ने कहा कि प्रदर्शनकारी समूह में मुश्किल से 10-15 लोग थे और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अभिजीत ने कहा, 'ये बहुत छोटी घटनाएं हैं और इस तरह की घटनाएं कुछ दिनों में खुद मंद पड़ जाती हैं. जब भी किसी ने कानून को चुनौती दी है, उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है. कश्मीर की बुनियादी समस्या बेरोजगारी है. हमें उस जड़ तक जाना होगा.'
सूबे पर सरकार का नियंत्रण नहीं: NPP
उधर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया है. नेशनल पैंथर्स पार्टी ने सूबे में राज्यपाल शासन लगाने की मांग कर दी है. पार्टी नेता भीम सिंह ने कहा, 'यह पहली बार हुआ है. अगर ISIS जैसे आतंकी संगठन का झंडा फहराया जा रहा है तो यह सुरक्षा के लिए खतरा है. तुरंत राज्यपाल का शासन लगना चाहिए. सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है.'
सुरक्षा विशेषज्ञ राज काद्यान का कहना है कि इसे हल करने का एकमात्र तरीका संवाद ही है. सरकार को ऐसा कुछ करना चाहिए कि कोर्ट जाने की नौबत न आए. उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में एक तारीख बतानी चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं यह नहीं कहता कि वह कल की तारीख दे दें. लेकिन उन्हें एक डेट बतानी चाहिए. आज से पांच साल के भीतर भी यह काम हो जाए तो ठीक है. अब जिम्मेदारी सरकार की है.'