सीमा पर पाकिस्तान ने एक बार फिर नापाक हरकत की है. रविवार शाम से लेकर सोमवार सुबह तक पाकिस्तान ने भारत की करीब 40 चौकियों को अपना निशाना बनाया और पुंछ व जम्मू जिलों में सीमा क्षेत्र पर बसे भारतीय गांवों में सैंकड़ों मोर्टार दाग कर दहशत फैला दी.
जम्मू से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर बसे कनकचक गांव में भी पाकिस्तान के मोर्टार और गोलियों का कहर बरपा. इस गांव में 13 से अधिक मोर्टार दागे गए, जिनमें से एक मोर्टार घर लौट रहे दो सगे भाइयों (गोपालदास और रामदास) के आगे गिरा. दोनों बुरी तरह घायल हो गए. उनको घायल अवस्था में जम्मू के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन 45 वर्षीय गोपालदास ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. रामदास अभी भी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है.
खाना खा रहे परिवार पर टूटा कहर
जिस वक्त पाकिस्तान ने मोर्टार बरसाने शुरू किए उस वक्त निकाराम, उनकी पत्नी स्कंदया देवी और दो बच्चे रात का खाना खाने की तैयारी कर रहे थे. अचानक एक मोर्टार उनके आंगन में आकर गिरा. मोर्टार के स्प्लिन्टर आंगन में रखे बर्तनों, कपड़ों और दूसरी चीजों पर गिरे. दीवारें छलनी हो गई और सारा परिवार दहशत के मारे खाना-पीना छोड़ कर घर के कोने में दुबक गया. इस परिवार के मुताबिक रात भर पाकिस्तान की चौकियों से मोर्टार की बरसात होती रही और धमाकों की आवाजें आती रही.
मोर्टार के धमाकों से दहशत में लोग
गांव के अन्य लोगों की तरह नीका राम का परिवार भी सारी रात सो नहीं पाया. सुबह जब आजतक ने कनकचक गांव में दस्तक दी तो पाया कि नीका राम का परिवार मोर्टार से पैदा हुए मलबे के बीच में बैठा हुआ था. निका राम की पत्नी और बेटी अभी भी मोर्टार के धमाके की दहशत से सहमी हुई हैं. इस परिवार ने रात का खाना नहीं खाया. सुबह भी घर में कुछ नहीं बना. मन में बस यही डर है कि न जाने किस वक्त पाकिस्तान से दागा गया कोई मोर्टार उनको मौत के मुंह में पहुंचा दे.
हमले में 7 लोग घायल
रात को हुए मोर्टार हमले में नीका राम की टांगों में चोट आई है. उनकी दोनों टांगें पहले से ही जख्मी थी, अब पाकिस्तान के मोर्टार ने उनकी जिंदगी में फिर से तकलीफ भर दी है. रविवार रात 8.30 बजे शुरू हुई मोर्टार की बरसात सुबह तक चलती रही, जिससे गांव के कुल 7 लोग घायल हो गए. उनको अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
खौफ और मौत के साये में जी रहा है कनकचक
पाकिस्तान की नजदीकी चौकी से दागा गया एक मोर्टार गांव के बिजली के ट्रांसफार्मर पर भी आकर गिरा. इससे पूरा गांव अंधेरे में डूब गया. बिजली की आपूर्ति ठप हो जाने के बाद गांव में अब पानी की आपूर्ति भी नहीं हो पाई है. जिस वक्त गांव में पाकिस्तान की तरफ से मोर्टार की बरसात हुई उस वक्त कुछ लोग गांव में बने एक बंकर में शरण लेने के लिए भागे लेकिन बंकर पर ताला लटका हुआ था. किसी तरह ताला टूटा तो लोग उसमें शरण ले पाए.
गांव में पसरा सन्नाटा, पलायन कर रहे लोग
डर से कई लोग गांव छोड़ कर जा चुके हैं. पूरे गांव में सन्नाटा बिखरा हुआ है. गांव की गलियों में घायल लोगों के खून के निशान मौजूद हैं. चारों तरफ सन्नाटा और खौफ है. गांव के निवासी बंसीलाल ने बताया कि दहशत के मारे गांव के सभी लोग रात भर बंकर में दुबके रहे. सुबह जब पाकिस्तान की तरफ से हो रही गोलीबारी थमी तो लोग एक-एक करके बंकर से अपने घरों में गए.
LOC पर युद्ध जैसे हालात
गांव में चारों तरफ मोर्टार के टुकड़े बिखरे हुए हैं. गांव के किसान रमेश कुमार के खेतों में दर्जन भर मोर्टार गिरे हैं. सबूत के तौर पर रमेश ने इन मोर्टारों की फिरकियां अपने पास जमा कर ली हैं. कुल मिलाकर अंतर्राष्ट्रीय सीमा और लाइन ऑफ कंट्रोल के आस-पास बसे गांव में युद्ध जैसे हालात हैं. पाकिस्तान पहली बार जम्मू कश्मीर के 5 सीमावर्ती जिलों में बसे गांवों में ताबड़तोड़ मोर्टार दाग रहा है, जिससे इन इलाकों में दहशत का माहौल है.