जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव चल रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग वोटिंग में शामिल भी हो रहे हैं. इस बीच खबर आई है कि शोपियां में 3 उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं. उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था और इस आश्वासन पर छोड़ा कि वे चुनाव से अपना नाम वापस ले लेंगे.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में 9 चरणों में पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं. चुनाव 11 दिसबंर तक चलेंगे. इनमें 2 चरणों के मतदान हो चुके हैं. यहां दोनों बड़ी पार्टियां पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के बहिष्कार की धमकी दिए जाने के बावजूद लोग वोटिंग में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. इस कारण उग्रवादी संगठनों में बौखलाहट देखी जा रही है. उग्रवादियों ने लोगों को वोटिंग न करने देने और उनमें दहशत पैदा करने के लिए पंचायत उम्मीदवारों को अगवा कर लिया. उनसे लिखवाकर ले लिया गया कि वे अपने नाम वापस ले लेंगे. बाद में तीनों ने अपने नाम वापस भी ले लिए.
अभी हाल में एक ऑडियो क्लिप काफी वायरल हुआ था जिसमें हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज नाइकू अपने दक्षिण कश्मीर के कमांडर से यह कहते हुए सुना गया कि धमकी के बावजूद लोग पंचायत चुनाव लड़ रहे हैं. नाइकू यह कहते हुए सुना गया कि उम्मीदवारों में खौफ पैदा करने के लिए उन्हें जान से मारने की बजाए उनकी आंखों में एसिड डाल देना चाहिए. नाइकू ने कहा कि उम्मीदवारों को मार देने से सरकार उनके परिजनों को मुआवजा देगी, इससे उनके परिवार का भरण-पोषण चलेगा लेकिन उन्हें अंधा कर दिया जाए तो वे जिंदगी भर डर में रहेंगे और कभी चुनाव नहीं लड़ेंगे.
पहले चरण में बंपर वोटिंग
आतंकी खतरे और अलगाववादियों के बहिष्कार के आह्वान के बावजूद जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव के पहले चरण में बंपर वोटिंग हुई. कश्मीर में शनिवार को 64.5 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया जबकि जम्मू क्षेत्र में 79.5 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी शालीन काबरा ने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव के पहले चरण के तहत शनिवार को 47 ब्लाकों में हुए मतदान में 74.1 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया जिसमें कश्मीर में 16 ब्लॉक, जम्मू में 21 ब्लॉक और लद्दाख में 10 ब्लाक शामिल हैं. काबरा ने कहा कि पुंछ जिले के मेंढर में मामूली झड़पों और पथराव की घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. अधिकारी ने कहा कि तकनीकी गड़बड़ी के चलते किश्तवाड़ जिले के अथोली स्थित मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान का आदेश दिया गया है.
कश्मीर घाटी में ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत खासकर ज्यादा देखा गया जबकि हाल में हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में मात्र चार प्रतिशत मतदान हुआ था. लोगों से चुनाव का बहिष्कार करने के लिए कहने वाले अलगाववादियों ने शनिवार को हड़ताल भी बुलाई थी. प्रमुख क्षेत्रीय दलों नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया था.