जम्मू-कश्मीर के पंचायत चुनाव का राजनीतिक दलों द्वारा बहिष्कार किए जाने और आतंकियों की घुसपैठ की घटना की केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ दल सूबे में होने वाले पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं.
उन्होंने इस चुनाव में हिस्सा लेने वाली पार्टियों का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि कई दल और लोग चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं, जिसका हम स्वागत करते हैं. नामांकन वापस लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. नामांकन वापस होते ही रहते हैं. दिल्ली समेत देशभर में चुनाव में नामांकन वापस लिए जाने की बात सामने आती रहती है. इसको आतंकियों की वार्निंग का खौफ नहीं मानना चाहिए.
उन्होंने कहा कि चुनाव नामांकन के लिए लोगों ने फॉर्म भरा है. हालांकि यह सही है कि नामांकन कराने वालों की संख्या कम रही है. यहां लोकतंत्र है. लिहाजा चुनाव होना चाहिए. चुनाव होने से लोकतंत्र बना रहेगा और लोग शांति के साए में जी सकेंगे. साथ ही इलाके का विकास होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं होने से विकास के कार्यों में रुकावट आती है. विकास कार्य के लिए पैसा पहुंच नहीं पाता है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस की बात तो छोड़ दीजिए. इन्होंने चुनाव का बहिष्कार का निर्णय लेकर ठीक नहीं किया है. इनको लोकतंत्र में विश्वास करके चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए. पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अड़ियल रवैये के चलते आतंकियों की हिम्मत बढ़ सकती है.
घुसपैठ के लिए लॉन्चिंग पैड पर बैठे आतंकियों पर हंसराज अहिर ने कहा कि वो कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन घुसपैठ में सफल नहीं होंगे. हमारे सुरक्षा बल बॉर्डर पर तैनात हैं. वो आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देंगे. हम पूरी तरह से सुरक्षा बलों के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नापाक हरकतों को लगातार जवाब दिया जा रहा है.
मालूम हो कि सीमा पार 27 से ज्यादा लॉन्चिंग पैड पर 250 आतंकी घुसपैठ की फिराक में बैठे हुए है. ये आतंकी कश्मीर घाटी में घुसपैठ कर पंचायत चुनाव में खलल डालना चाहते हैं. इन आतंकियों के निशाने पर सुरक्षा बल भी हैं. हाल ही में आतंकियों ने धमकी भी दी थी कि जो पंचायत चुनाव में हिस्सा लेगा उसको अंजाम भुगतना पड़ेगा. इस धमकी के बाद से कई लोग अपना नामांकन वापस ले रहे हैं. इसके अलावा पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस भी चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं.