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J-K: सरकार बनाने के लिए BJP से हाथ मिलाने को तैयार NC, पीडीपी ने भी बुलाई बैठक

पीडीपी-बीजेपी गठबंधन के जारी रहने पर अनिश्चितता बने रहने के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा, 'यदि पेशकश की जाए तो पार्टी सरकार बनाने के लिए बीजेपी से गठबंधन पर विचार करने के लिए तैयार है.'

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फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती
फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती

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जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने को लेकर पीडीपी-बीजेपी की सियासी दाल जहां एक ओर लगभग गल चुकी है, वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अचानक बीजेपी की ओर हाथ बढ़ाकर इसमें राजनीतिक तड़का लगा दिया है. एनसी प्रमुख फारुख अब्दुल्ला ने कहा है कि संकेत मिलने पर वह बीजेपी के साथ सरकार बनाने को राजी हैं, जबकि रविवार को पिता की मौत के शोक में डूबी महबूबा मुफ्ती ने भी पीडीपी कोर ग्रुप की बैठक बुलाई है.

पीडीपी-बीजेपी गठबंधन के जारी रहने पर अनिश्चितता बने रहने के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा, 'यदि पेशकश की जाए तो पार्टी सरकार बनाने के लिए बीजेपी से गठबंधन पर विचार करने के लिए तैयार है. फारूक ने पत्रकारों को बताया, यदि ऐसा प्रस्ताव आता है तो नेशनल कांफ्रेंस कार्य-समिति की बैठक बुलाएगी और इस पर चर्चा करेगी.

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दूसरी ओर, राज्य में सरकार गठन को लेकर नौ दिन का गतिरोध समाप्त होने के पहले संकेत के तहत पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार को पार्टी के विस्तारित कोर ग्रुप की बैठक बुलाई है. इस बैठक में आगे के कदम और बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा. महबूबा सरकार गठन के मामले में अपने पत्ते नहीं खोल रही है, जिसके कारण कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. जाहिर है ऐसे में हालात में राज्य के भविष्य के लिए रविवार का दिन काफी अहम साबित हो सकता है.

हमारे दरवाजे खुले हैं: फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से जब शनिवार को सवाल किया गया कि उन्हें बीजेपी की ओर से राज्य में गठबंधन सरकार बनाने का प्रस्ताव मिलता है तो उनकी पार्टी का रूख क्या होगा? इस पर उन्होंने कहा, 'हमने दरवाजे बंद नहीं किए हैं. हमारे दरवाजे खुले हैं.' बता दें कि राज्य में मुख्मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु के बाद सरकार नहीं बनने की स्थि‍ति में गवर्नर रूल लागू है.

प्रदेश की जम्मू-कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 25, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के 14 विधायक हैं. बीते सात जनवरी को मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन से पहले पीडीपी-बीजेपी गठबंधन राज्य में 10 महीने सरकार चला चुका है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में जारी राजनीतिक अनिश्चितता के लिए 27 विधायकों वाली पीडीपी को जिम्मेदार ठहराया है.

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'खुदा जाने पीडीपी क्या सोच रही'
फारूक ने कहा, 'पीडीपी ने अनिश्चितता पैदा की है, क्योंकि बीजेपी सरकार बनाने के लिए तैयार है. खुदा जाने पीडीपी क्या सोच रही है. मैं उम्मीद करता हूं कि वे इसे खत्म करें और सरकार चलने लगे. एनसी कभी अपनी भूमिका से पीछे नहीं हटती.' गौरतलब है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस पहले भी एनडीए का हिस्सा रह चुकी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, '1996 में जब कोई चुनाव के लिए तैयार नहीं था, उस वक्त हम आगे आए. मैं फिर कहता हूं कि राज्य के लिए अनिश्चितता ठीक नहीं है और ऐसे हालात से हमारे दुश्मनों को मदद मिलेगी.'

नाराज महबूबा के दिल में क्या
इन सब के बीच पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'पीडीपी अध्यक्ष ने रविवार दोपहर अपने आवास पर पार्टी के विस्तारित कोर समूह की बैठक बुलाई है. बैठक में पार्टी सांसदों, पूर्व मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है.'

गौरतलब है‍ कि यह बैठक उन खबरों के बीच भी बुलाई गई है, जिसके मुताबिक, महबूबा विभिन्न मुद्दों पर बीजेपी से नाराज बताई जा रही हैं. माना जा रहा है कि पीडीपी नेतृत्व को कई मुद्दे परेशान कर रहे हैं, जिनमें दिल्ली में सात जनवरी को निधन होने पर मुफ्ती को समुचित सम्मान नहीं दिए जाने और केंद्र द्वारा राज्य को मामूली धनराशि जारी किए जाने के मुद्दे शामिल हैं.

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वट्टल का श्रीनगर दौरा अहम
तीन दिन पहले पीडीपी ने कहा था कि राज्य में नई सरकार के गठन के बारे में निर्णय करने से पहले वह दोनों दलों के बीच गठबंधन एजेंडा और मुफ्ती के दृष्टिकोण के क्रियान्वयन में हुई प्रगति की समीक्षा करेगी. इस पृष्ठभूमि में केंद्रीय वित्त सचिव आरपी वट्टल गुरुवार को श्रीनगर आए और उन्होंने महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की थी. हालांकि पीडीपी ने कहा कि वट्टल सिर्फ शोक व्यक्त करने के लिए महबूबा से मिले थे. लेकिन माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के इस अधिकारी ने उन्हें यह बताया कि मोदी सरकार द्वारा क्या किया जा चुका है और राज्य के लिए क्या किए जाने की योजना है.

बीजेपी क्या सोच रही है
समझा जा रहा है कि बीजेपी इस बात पर कायम है कि पीडीपी को अपने विधायक दल के नेता का चुनाव कर पहला कदम उठाना पड़ेगा, उसके बाद ही वह राज्य में सरकार गठन के लिए क्षेत्रीय पार्टी को समर्थन दे सकते हैं. इससे पहले पीडीपी नेता नईम अख्तर ने कहा था, 'मुफ्ती साहब का जम्मू कश्मीर को आधुनिक राज्य बनाने का एक नजरिया था. उनके निधन के कारण वह लक्ष्य साकार नहीं हो पाया. महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पार्टी को इस बात की समीक्षा करने की आवश्यकता है कि हम अभी तक मुफ्ती साहब के नजरिए को पूरा करने में कितने सफल हुए हैं.'

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