जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश बन जाने के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के भीतर घमासान मचा हुआ है. पार्टी के नेता एक के बाद एक करके साथ छोड़ते जा रहे हैं. वहीं, पार्टी नेतृत्व ने कुछ नेताओं को उनके आचरण के कारण बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
इस बीच प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री और पार्टी के कद्दावर नेता रहे सैयद अल्ताफ बुखारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की और उन्हें बधाई दी.
बुखारी ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद किसी की मौत नहीं हुई, इसका श्रेय सरकार के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी जाता है. मैं उन दोनों को बधाई देना चाहता हूं.'
Syed Altaf Bukhari, Former J&K Finance Minister and PDP leader: No one died after the abrogation of Article 370 in J&K, for this the credit goes to the government as well as to the people of Jammu and Kashmir. I want to congratulate both of them. pic.twitter.com/Kd88De2eF7
— ANI (@ANI) January 18, 2020
बुखारी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वो कई मोर्चों पर जम्मू-कश्मीर में अपनी नई पार्टी के गठन का संकेत दे चुके हैं और पीडीपी नेताओं को उनके साथ आने के कारण पार्टी से बाहर का रास्ता देखना पड़ा है. माना जा रहा है कि बुखारी पीडीपी के खेमे में सेंध लगाकर उनके नेताओं को अपने खेमे में शामिल करने की तैयारी में हैं.
बता दें कि पीडीपी के पूर्व नेता अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं का एक दल जम्मू में उपराज्यपाल जी.सी. मुर्मू से मिला था. बुखारी के नेतृत्व में पीडीपी नेताओं के इस दल ने उपराज्यपाल से सामान्य व्यवस्था बहाल करने की मांग की थी.
हालांकि, उपराज्यपाल मुर्मू के साथ मुलाकात के बाद पीडीपी ने 'लोगों की इच्छा के खिलाफ' जाने के आरोप में 8 नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. बर्खास्त होने वाले नेताओं में दिलावर मीर, रफी अहमद मीर, जफर इकबाल मन्हास, कमर हुसैन, राजा मंजूर, जावेद बेग, अब्दुल मजीद पडरू और अब्दुल रहीम राथर शामिल थे.
मुलाकात के बाद बुखारी ने कहा था कि वह प्रदेश में राजनीतिक गतिविधि को पुनर्जीवित करने और अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद इससे आगे बढ़ने के लिए योग्य विकल्पों की तलाश में हैं. उनकी मुख्य मांगों में जम्मू एवं कश्मीर के राज्य के दर्जे और यहां के निवासियों के अधिवास के अधिकार को बहाल करना शामिल था. ऐसे में अब उनका पीएम मोदी की खुलकर तारीफ करना और अनुच्छेद 370 के हटाए जाने का समर्थन करना पीडीपी के लिए मुसीबत बन सकती है.