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J-K: पुंछ में बर्फीले तूफान की चपेट में आने से एक पोर्टर की मौत, तीन घायल

जम्मू और कश्मीर में एलओसी के पास पुंछ जिले में हिमस्खलन हुआ, जिसमें सेना के एक पोर्टर की मौत हो गई. वहीं तीन अन्य पोर्टर घायल हो गए.

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पुंछ जिले में हिमस्खलन (प्रतीकात्मक तस्वीर-ANI)
पुंछ जिले में हिमस्खलन (प्रतीकात्मक तस्वीर-ANI)

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  • जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हिमस्खलन
  • 1 पोर्टर की मौत, 3 अन्य गंभीर रूप से जख्मी

जम्मू और कश्मीर में एलओसी के पास पुंछ जिले में हिमस्खलन हुआ, जिसमें सेना के एक पोर्टर की मौत हो गई. वहीं तीन अन्य पोर्टर घायल हो गए. पुंछ जिले में मंगलवार रात बर्फीला तूफान आया. इस दौरान पोस्ट पर तैनात पोर्टर इसकी चपेट में आ गए.

इससे पहले भी 3 दिसंबर 2019 को उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास हिमस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में सेना के चार जवान शहीद हो गए थे. कश्मीर के तंगधार सेक्टर में सेना का एक चौकी मंगलवार को हिमस्खलन की चपेट में आ गई थीं, जिसमें तीन सैनिक शहीद हो गए थे.

इससे पहले गुरेज सेक्टर में एक गश्ती दल बर्फीले तूफान में फंस गया था और सेना का एक जवान शहीद हो गया था. सेना ने कहा था कि बचाव और चिकित्सा टीमों के बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, चार सैनिकों ने जान गंवा दी. सेना ने कहा कि बचाव दल दोनों घटनाओं में सभी जवानों के पार्थिव शरीर को बरामद करने में कामयाब रहा.

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प्रशासन ने जारी किया है एवलांच अलर्ट

जम्मू-कश्मीर में सीमा पर तैनात सेना के जवानों के लिए दुश्मन के साथ-साथ बर्फीले तूफान सबसे बड़े दुश्मन बने हुए हैं. पिछले दो महीनों के दौरान सीमावर्ती इलाकों में आए अलग-अलग बर्फीले तूफानों में सेना के 10 जवान शहीद हो चुके हैं, जबकि 5 अन्य घायल हो गए.

हिमस्खलन में जान बचाना सबसे बड़ी चुनौती

सोमवार की सुबह शुरू हुई बर्फबारी से एक बार फिर कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में बर्फीले तूफानों का खतरा बनने लगा है. इसके लिए प्रशासन ने एवलांच अलर्ट भी जारी किया है. बर्फीला तूफान एक ऐसी आपदा है जिसके बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल भी होता है. इसलिए सेना के जवानों को बर्फीले तूफानों से बचने के लिए खासतौर पर ट्रेंड किया जाता है.

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