पहले स्कूल खुले और फिर कॉलेज
2 अगस्त को सरकार की तरफ से अचानक जब अमरनाथ यात्रा को रोका गया, तो घाटी में आशंकाओं के कयास लगाए जाने लगे. इसके बाद 5 अगस्त को जब अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किया गया, तो एहतियात के तौर पर सभी स्कूल-कॉलेज को बंद किया गया.
हालांकि, बीते दिनों जब 370 को हटाए हुए करीब 50 दिन हुए थे तो घाटी के स्कूलों को खोला गया, फिर अभी पिछले हफ्ते ही कॉलेज-यूनिवर्सिटी को भी खोल दिया गया. हालांकि, अभी भी बच्चों की उपस्थिति कम ही है.
पर्यटकों को जन्नत से निकाला
अमरनाथ यात्रा को जब रोका गया था तब अचानक एक एडवाइज़री जारी कर जम्मू-कश्मीर में मौजूद सभी पर्यटकों को राज्य छोड़ने के लिए कहा गया था. आनन-फानन में वायुसेना की मदद से भी लोगों को निकाला गया था और अचानक केंद्र ने 370 पर फैसला लिया था. अभी हाल ही में 10 अक्टूबर को राज्य सरकार ने पर्यटकों पर लगी पाबंदी को हटाया. यानी 10 अक्टूबर से कश्मीर में पर्यटकों को आने की अनुमति दी गई.
अब बजने लगीं फोन की घंटियां!
जम्मू-कश्मीर में मोबाइल सर्विस शुरू करने की मांग लगातार हो रही थी, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक भी याचिका दायर की गई थी. हालांकि, तब सरकार की ओर से कुछ फैसला नहीं लिया गया. लेकिन अब 14 अक्टूबर से घाटी के सभी पोस्टपेड मोबाइल के कनेक्शन को शुरू कर दिया गया है. अभी सिर्फ कॉलिंग सुविधा शुरू हुई है, मोबाइल इंटरनेट अभी भी बंद है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में करीब 70 लाख मोबाइल कनेक्शन हैं, इनमें से 40 लाख पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शन हैं.