जम्मू-कश्मीर के राजौरी में गुरुवार को हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों का आतंकवाद विरोधी अभियान चौथे दिन भी जारी है. आज राजौरी के मिलिट्री अस्पताल में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. राजौरी-पुंछ सेक्टर में अबतक सुरक्षाबलों को कई सफलता नहीं मिली है, यहां आतंकी बड़े पैमाने पर मौजूद हैं और वो भाग सकते हैं. इस हमले के बाद मोबाइल-इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड कर दी गई हैं.
बीते गुरुवार को राजौरी में आतंकियों ने सेना की दो गाड़ियों पर घात लगाकर हमला किया था. इस हमले में सेना के 4 जवान शहीद हो गए, जबकि तीन जवान घायल हुए. पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने घात लगाकर किए गए इस हमले की जिम्मेदारी ली. इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पुंछ के थानामंडी-सूरनकोट क्षेत्र में डेरा की गली में एक सर्च ऑपरेशन शुरू किया था, जिसके बाद वहां आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई, लेकिन अबतक सुरक्षाबलों के हाथ कोई कामयाबी नहीं लगी है.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में बड़ा आतंकी हमला, सेना के 4 जवान शहीद, तीन घायल
रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि सैनिकों ने हमले का तुरंत जवाब दिया है. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन जारी है और आगे की जानकारी का पता लगाया जा रहा है. घटनास्थल से सामने आ रही तस्वीरों और वीडियो में सड़क पर खून, सैनिकों के टूटे हुए हेलमेट और सेना के 2 वाहनों के टूटे हुए शीशे दिखाई दे रहे हैं.
बीते महीने हुआ था राजौरी में आतंकी हमला
यह घात लगाकर किया गया हमला पिछले महीने राजौरी जिले के बाजीमल वन क्षेत्र के धर्मसाल बेल्ट में एक बड़ी गोलीबारी के बाद हुआ है, जिसमें दो कैप्टन सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) क्वारी का एक शीर्ष कमांडर इस हमले का मास्टरमाइंड था. उसका सहयोगी नवंबर में दो दिनों तक चली मुठभेड़ में मारा गया था.
हमले में 3 से 4 आतंकी रहे शामिल
इंडिया टुडे के सूत्रों के अनुसार, राजौरी/पुंछ आतंकी हमले में 3 से 4 आतंकवादी शामिल रहे. यह हमला डेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर किया गया. जिस तरह हमले को अंजाम दिया गया है, ऐसा लगता है कि आतंकियों ने हमले को अंजाम देने से पहले रेकी की थी और खुद पहाड़ी के ऊपर चले गए और फिर वहां से सेना के दो वाहनों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी.
आतंकियों ने प्लान बनाकर किया था हमला
आतंकियों ने धत्यार मोड़ पर हमला सुनियोजित तरीके से किया क्योंकि अंधा मोड़ और ऊबड़-खाबड़ सड़क के कारण इस जगह पर वाहनों की गति धीमी हो जाती है. गुरुवार को धत्यार मोड़ पर जब सेना की गाड़ियों की रफ्तार धीमी हुईं तो आतंकियों ने अचानक उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन आतंकवादी उस स्थान से भागने में सफल रहे. शहीद सेना के जवानों के हथियार गायब हैं और ऐसी आशंका है कि आतंकी शहीद जवानों के हथियार छीनकर भाग गए होंगे.