विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों से पाबंदियां हटाई जाने लगी हैं. सूत्रों के मुताबिक कश्मीर घाटी में 11 और पुलिस थानों में प्रतिबंधों में ढील दी गई है. अब 105 पुलिस थानों में से 82 में कोई पाबंदी नहीं है. इसके अलावा 29 और लैंडलाइन फोन एक्सचेंज काम करने लगे हैं जबकि 47 टेलीफोन एक्सचेंज पहले से ही सक्रिय हैं.
कानून-व्यवस्था कायम रखने के वास्ते अनुच्छेद 370 को हटाने के पहले से ही कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में पाबंदियां लगा दी गई थीं. अब इन इलाकों से धीरे-धीरे प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राज्य में राज्यपाल प्रशासन के भीतर एक ऐसी टीम तैयार करने में जुटे थे, जिनके जिम्मे इस बड़े फैसले को अमल में लाने और उसके बाद पैदा होने वाले हालात से निपटने के लिए गठित किया गया था.
इस टीम में जहां देश के कुछ वरिष्ठ आईएएस अफसर शामिल हैं तो वहीं कुछ तजुर्बेकार पुलिस अफसर भी मौजूद हैं. जम्मू-कश्मीर में यह टीम पिछले कई महीनों से चीफ सेक्रेटरी सुब्रमण्यम स्वामी की अध्यक्षता में जुटी हुई थी और गवर्नर प्रशासन को और मजबूत बनाने के लिए काम कर रही थी. इसीलिए विजय कुमार को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के एडवाइजर के तौर पर नियुक्त किया गया था.
इस टीम में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के अलावा जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी सुब्रमण्यम, प्रिंसिपल सेक्रेटरी रोहित और जम्मू-कश्मीर पुलिस के निर्देशक दिलबाग सिंह शामिल हैं. बता दें कि अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद कश्मीर में हालात को देखते हुए इंटरनेट सेवा पर रोक के साथ स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया और राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई थी. सरकार का दावा है कि राज्य में अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं.