जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने और केंद्र शासित राज्य बनने के बाद दूसरी बार विदेशी राजदूतों का एक प्रतिनिधिमंडल आज बुधवार को घाटी पहुंच गया है. इस प्रतिनिधिमंडल में फ्रांस, इटली, न्यूजीलैंड, जर्मनी, कनाडा और अफगानिस्तान समेत 25 विदेशी राजदूत शामिल हैं.
25 विदेशी राजदूतों के दल के जम्मू-कश्मीर दौरे से पहले वहां पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. जिन होटल में राजदूत ठहरेंगे उसके बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं. पिछले एक महीने में विदेशी राजनयिकों का जम्मू-कश्मीर में यह दूसरा दौरा है.
Jammu and Kashmir: The second batch of foreign envoys arrive in Srinagar. The batch has 25 foreign envoys, including envoys from Germany, Canada, France, New Zealand, Mexico, Italy, Afghanistan, Austria, Uzbekistan, Poland, as well as envoys of the European Union (EU). pic.twitter.com/pqc8tYShRH
— ANI (@ANI) February 12, 2020
विदेश मंत्रालय में सचिव पश्चिम विकास स्वरुप के साथ यूरोपीय संघ के राजदूत सहित कई देशों के दूतों का दूसरा बैच आज जम्मू और कश्मीर का दौरा करेगा.
कल जम्मू में रहेगा प्रतिनिधिमंडल
राजनयिकों का यह प्रतिनिधिमंडल ने 12 फरवरी को श्रीनगर और 13 फरवरी को जम्मू में होगा. सूत्रों ने कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल कश्मीर घाटी में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद और सुरक्षा के हालात का जायजा लेंगे.
इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल व्यापारियों समेत कई स्थानीय प्रतिनिधिमंडलों से भी मिलेगा. अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद सरकार की ओर से लगाए गए कई प्रतिबंधों की वजह से कश्मीर घाटी में व्यापार को बड़ा झटका लगा है. हालांकि सरकार ने राज्य में निवेश लाने का वादा किया है. सरकार इस संबंध में अप्रैल में एक इनवेस्टर्स समिट करने जा रही है.
मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस प्रतिनिधिमंडल को पूरे शहर में घुमाया जाएगा. शाम को उन्हें कश्मीर के पारंपरिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी दिखाए जाएंगे.
इससे पहले खबर आई थी कि भारत सरकार 25 विदेशी राजदूतों के प्रतिनिधिमंडल के जम्मू और कश्मीर के दूसरे दौरे की तैयारी कर रही है. ये अंतरराष्ट्रीय समुदाय को राज्य की जमीनी स्थिति से अवगत कराने के प्रयासों के तहत किया जा रहा है.
सूत्रों का कहना है कि यह दौरा दो दिन का दौरा हो सकता है और इसमें विभिन्न देशों के भारत स्थित मिशनों के प्रमुख हिस्सा ले सकते हैं. इनमें यूरोपीय देशों के राजदूत भी शामिल होंगे.
पिछले महीने भी हुआ एक दौरा
पिछली बार जनवरी में अमेरिकी राजदूत समेत 15 राजदूतों ने जम्मू और कश्मीर का दौरा किया था तो यूरोपीय संघ ने खुद को अलग रखा था, लेकिन इस बार यूरोपीय संघ के राजदूत खुद जम्मू और कश्मीर जा रहे हैं. ये बड़ा बदलाव है. ये घटनाक्रम ब्रुसेल्स में अगले महीने होने वाले यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन से पहले हो रहा है. इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेने वाले हैं.
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यूरोपीय संघ (ईयू) के राजदूत का प्रतिनिधिमंडल का इस दौर का हिस्सा होना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल में यूरोपीय संघ की संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) के साथ कश्मीर की स्थिति को लेकर भी कड़े प्रस्ताव लाए गए थे. हालांकि भारतीय राजनयिकों की टीम ने अपने प्रयासों से प्रस्तावों पर वोटिंग 31 मार्च तक स्थगित कराने में सफलता हासिल की.
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पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जो पाबंदियां लगाई गई थीं उनमें से कई को हटाया जा चुका है.