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जम्मू-कश्मीर: बंगाल के मजदूर पर फायरिंग का बदला, सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों को किया ढेर

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया सुरक्षाबलों ने श्रीनगर में हुई मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया है. इलाके में सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी है. ये दोनों आतंकी अल-कायदा से जुड़े ग़ज़वत उल हिन्द संगठन के थे. इन दोनों आतंकियों ने बीते 2 सितंबर को पुलवामा में पश्चिम बंगाल के मजदूर मुनीरूल इस्लाम को निशाना बनाया था.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

\जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया है. मारे गए आतंकी ग़ज़वत उल हिन्द (AGuH) से जुड़े हुए थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि ये दोनों आतंकी बीते 2 सितंबर को पश्चिम बंगाल के मजदूर पर हमला करने में शामिल था.  

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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया सुरक्षाबलों ने श्रीनगर में हुई मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया है. इलाके में सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी है. ये दोनों आतंकी अल-कायदा से जुड़े ग़ज़वत उल हिन्द संगठन के थे. इन दोनों आतंकियों ने बीते 2 सितंबर को पुलवामा में पश्चिम बंगाल के मजदूर मुनीरूल इस्लाम को निशाना बनाया था. कश्मीर के एडीजीपी ने इन आतंकियों की पहचान करते हुए बताया कि एक आतंकी पुलवामा का रहने वाला ऐजाज़ रसूल नज़र और दूसरा शाहिद अहमद उर्फ अबु हमज़ा था.  

2 सितंबर को बंगाल के मजदूर को मारी थी गोली 

कश्मीर में बीते कई महीनों से आतंकी लगातार टारगेट किलिंग कर रहे हैं. उनके निशाने पर बाहरी मजदूर और कश्मीरी पंडित रहते हैं. बीते 2 सितंबर को आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के मजदूर पर हमला किया था, जिसे गंभीर हालत में पुलवामा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पुलिस ने बताया था कि पुलवामा के उगरगुंड नेवा में आतंकवादियों ने एक बाहरी मजदूर पर फायरिंग की. मुनीरुल इस्लाम पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और पुलवामा में काम करते हैं.  

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बाहरियों को आतंकी बना रहे हैं निशाना 

इससे पहले पंजाब, बिहार और बंगाल के मजदूरों को आतंकियों ने कई बार निशाना बनाया है. बीते अप्रैल के पहले सप्ताह में ही चार बार आतंकियों ने बाहरी मजदूरों को गोली मारी. इसके साथ ही वो कश्मीरी पंडितों को भी लगातार निशाना बना रहे हैं.  

अप्रैल में आतंकियों ने की थी ज्यादा फायरिंग 

आतंकवादियों ने 4-5 अप्रैल के बीच दो सीआरपीएफ जवान और एक कश्मीरी पंडित समेत कुल 7 लोगों को गोली मारी थी. घायलों में चार गैरस्थानीय मजदूर शामिल थे. उसके बाद 7 अप्रैल को आतंकियों ने पंजाब के एक मजदूर को गोली मारी थी. 2 सितंबर, 2022 और इससे पहले भी जिन बाहरी मजदूरों को आतंकियों को निशाना बनाया गया था, उनमें से ज्यादातर पुलवामा में ही रहते थे और वहीं उनके ऊपर फायरिंग की गई. 

 

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