जम्मू-कश्मीर में सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद खुलकर हिंदुत्व कार्ड खेल रही भाजपा ने एक और बड़ा फैसला किया है. हर साल श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाने वाली बीजेपी इस बार इसे और बड़े पैमाने पर मनाने जा रही है. सरकार की ‘शहादत’ के बाद जम्मू संभाग में उत्साह से लबरेज पार्टी कैडर में नई स्फूर्ति का संचार करने खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह जम्मू जाएंगे.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर इस बार बीजेपी जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी रैली निकालने जा रही है. जम्मू-कश्मीर में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस बार श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर 23 जून को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह राज्य में रैली करेंगे. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह समेत कई बड़े नेता जम्मू जाएंगे.
रैना ने कहा कि राज्य में नॉर्थ और साउथ पोला का गठबंधन इसलिए टूटा क्योंकि हमने कश्मीर में शांति के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए, लेकिन वे सभी फेल हो गए. राज्य में अब सुरक्षाबलों को निशाना बनाया जा रहा था, लेकिन अब सेलेक्टिव लोग टारगेट किए जाने लगे. इसके चलते बीजेपी ने गठबंधन से बाहर आने का फैसला किया. आतंकियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन में किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं है. सारे पाकिस्तानी आतंकियों को हमारे जवान मार गिराएंगे.
रैना ने ये भी कहा कि बीजेपी अवसरवादी पार्टी नहीं है. पिछले तीन माह से राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ती जा रही थी. इसके चलते यह गठबंधन टूटने की नौबत आई.
बीजेपी को नुकसान कम, फायदा ज्यादा
राज्य में अचानक गठबंधन से अलग होने वाली बीजेपी के लिए यह फैसला कम नुकसान में ज्यादा फायदे वाला माना जा रहा है. कश्मीर में बीते कुछ महीने से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. वहां हालात सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने रमजान के दौरान सीजफायर का ऐलान तो किया था, लेकिन ईद के बाद इसे हटा लिया गया. महबूबा मुफ्ती इस फैसले के खिलाफ थीं. इसके बाद अचानक बीजेपी ने ट्रंप कार्ड खेलते हुए सरकार ही गिरा दी.