केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संकेत दिया कि केंद्र जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने पर विचार कर सकता है. उन्होंने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार केंद्र द्वारा राज्यों को धन के वितरण के बारे में बात करते हुए यह संकेत दिया.
वित्त मंत्री सीतारमण केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में संघ विचारक पी परमेश्वरन की स्मृति में भारतीय विचार केंद्रम द्वारा आयोजित "को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म: द पथ टुवार्ड्स आत्म निर्भर भारत" विषय पर व्याख्यान दे रही थीं.
तिरुवनंतपुरम में केंद्र-राज्य संबंधों पर बोलते हुए सीतारमण ने उल्लेख किया कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014-15 में 14 वें वित्त आयोग की सिफारिश को बिना किसी हिचकिचाहट के स्वीकार कर लिया था कि सभी टैक्स का 42 प्रतिशत राज्यों को दिया जाना चाहिए. जबकि पहले राज्यों को सिर्फ 32 फीसदी दिया जाता था.
#WATCH | ...PM Modi fully accepted the Finance Commission (report) and that is why today states get 42% of the amount (tax collected)--now reduced by 41% because J&K is no longer a state. It will soon become... may be some time: Finance Minister Nirmala Sitharaman (05.11) pic.twitter.com/IahVNgxU4p
— ANI (@ANI) November 6, 2022
सीतारमण ने कहा, "वित्त आयोग ने कहा कि अब आप इसे बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दें जिसका मतलब है कि केंद्र के हाथ में कम राशि होगी. प्रधान मंत्री मोदी ने इसके बारे में एक पल भी विचार किए बिना वित्त आयोग को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया और इसीलिए आज राज्यों को टैक्स का 42 प्रतिशत मिलता है. जबकि जम्मू और कश्मीर में 41 फीसदी मिलता है क्योंकि वो अब एक राज्य नहीं है. हालांकि जल्द ही शायद कभी भी एक राज्य हो जाएगा."
अगस्त 2019 में निरस्त हुई थी धारा 370
बता दें कि जम्मू और कश्मीर को मिले स्पेशल स्टेटस को रद्द करते हुए बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में धारा 370 को निरस्त कर दिया. इस कदम ने राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया.