जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद 5000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में ये आंकड़ा दिया गया है. इसके अलावा सरकार ने ये भी बताया घाटी में जो भी पत्थरबाजी की घटनाएं हुई हैं, उनके पीछे अलगाववादी संगठनों का हाथ है.
राज्यसभा सांसद सैयद नासिर हुसैन ने गृह मंत्रालय से जम्मू-कश्मीर में अभी तक हिरासत में लिए गए लोगों की जानकारी मांगी थी. जिसके जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सदन को बचाता कि राज्य में कानून-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुल 5161 लोगों को हिरासत में लिया गया था.
हालांकि, हिरासत में लिए गए लोगों से जुड़े मामले मजिस्ट्रेट के सामने हैं, ऐसे में सरकार ने कहा है कि इन्हें कब छोड़ा जाएगा, इसका जवाब अभी नहीं दिया जा सकता है.
Break: mha refuses to share timeline of release of j&k detainees.
Mha: these detentions have been made under statutory provisions by the concerned Magistrates based on their satisfaction in each case, It is not possible for the Government to give any timelines for their release pic.twitter.com/q6LmDlYLpS
— kamaljit sandhu (@kamaljitsandhu) December 4, 2019
जिन 5161 लोगों को हिरासत में लिया गया, उनमें पत्थरबाज, OGW, अलगाववादी समेत कई लोग शामिल हैं, जिन्हें 4 अगस्त, 2019 के बाद से हिरासत में लिया गया था. इनमें से 609 लोग एहतियात के तौर पर हिरासत में लिए गए हैं, जिनमें कई राजनेता भी शामिल हैं.
कब हटाई गई थी अनुच्छेद 370?
बता दें कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त को हटाया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बिल पेश करते हुए इसका ऐलान किया था. 4 अगस्त के बाद से ही लोगों को एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया गया था. इनमें जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, फारुक अब्दुल्ला समेत कई नेता शामिल हैं.
गौरतलब है कि 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, इसके साथ ही लद्दाख अब एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गया है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला और लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश बना है.