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डेरा की गली से राजौरी-पुंछ और चमरेर तक के जंगल आतंकियों के लिए बने सेफ हैवेन, 2023 में यहां शहीद हो चुके हैं 19 सैन्यकर्मी

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को हथियारों से लैस आतंकवादियों द्वारा सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में 4 सैनिक शहीद हो गए और 2 अन्य घायल हो गए. जिस जगह यह हमला किया गया है वह पहाड़ियों वाला इलाका है जहां घने जंगल हैं.

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आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर हमला किए जाने के बाद सेना का एक वाहन। (फोटो: पीटीआई)
आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर हमला किए जाने के बाद सेना का एक वाहन। (फोटो: पीटीआई)

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने गुरुवार को सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें 4 सैनिक शहीद हो गए और दो घायल अस्पताल में भर्ती हैं. अधिकारियों के अनुसार, तलाशी अभियान के लिए जा रहे वाहनों को निशाना बनाकर आतंकियों ने धेरा की गली और बुफलियाज़ के बीच स्थित धत्यार मोड़ पर इस हमले को अंजाम दिया.

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सेना ने शुरू किया था सर्च ऑपरेशन

जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों - गुलाम नबी आज़ाद और महबूबा मुफ़्ती - ने हमले की कड़ी निंदा की. पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने घात लगाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी ली. जम्मू स्थित रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में "पुख्ता खुफिया जानकारी" के आधार पर बुधवार रात को पुंछ के थानामंडी-सूरनकोट क्षेत्र में ढेरा की गली में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया था.

अधिकारियों ने बताया कि ये जवान घटनास्थल की ओर बढ़ रहे थे, तभी आतंकवादियों ने दो वाहनों – एक ट्रक और एक जिप्सी – पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षाबलों ने तुरंत जवाबी कार्यवाही की. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

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घटनास्थल की व्यथित करने वाली तस्वीरों और वीडियो में सड़क पर पड़ा खून, सैनिकों के टूटे हुए हेलमेट और सेना के दो वाहनों के टूटे हुए शीशे दिखाई दे रहे हैं. अधिकारियों ने सैनिकों और आतंकवादियों के बीच आमने-सामने की लड़ाई होने की संभावना से इनकार नहीं किया. ऐसी संभावना है कि जिन सैनिकों पर हमला किया गया, आतंकवादी उनके हथियार लेकर चले गए हैं. 

घने जंगलों वाला इलाका

इस हमले से कुछ हफ्ते पहले ही नजदीकी राजौरी जिले में बाजीमाल वन क्षेत्र के धर्मसाल बेल्ट में गोलीबारी के दौरान दो कैप्टन सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. राजौरी जिले में सुरक्षा बलों के साथ नवंबर में इस मुठभेड़ में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का शीर्ष कमांडर क्वारी समेत दो आतंकवादी मारे गये थे.

राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर स्थित डेरा की गली और बुफलियाज के बीच में जो इलाका पड़ता है वो घने जंगलों वाला इलाका है और यह चमरेर जंगल और फिर भाटा धुरियन जंगल की ओर जाता है. इस इलाके में इस साल 20 अप्रैल को सेना के एक वाहन पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे.

इस साल इन जगहों पर 19 जवान हो चुके हैं शहीद

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इस साल, राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों में कई मुठभेड़ हुईं जिसमें अब तक 19 सुरक्षाकर्मियों और 28 आतंकवादियों सहित 54 लोग मारे गए हैं. अधिकारियों ने हिंसा में आई तेजी के पीछे "आतंकवाद को फिर से फैलाने के लिए सीमा पार से हताश प्रयासों" को जिम्मेदार ठहराया है.  राजौरी में जहां 10 आतंकवादियों और 14 सुरक्षाकर्मियों सहित 31 लोग मारे गए, वहीं पुंछ में 15 आतंकवादी और पांच सुरक्षाकर्मी मारे गए. रियासी में तीन आतंकी मारे गए.

अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास करते समय मारे गए. अक्टूबर 2021 में, जंगली क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा किए गए दो अलग-अलग हमलों में नौ सैनिक शहीद हुए जबकि 11 अक्टूबर को चमरेर में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हुए थे और 14 अक्टूबर को पास के जंगल में एक जेसीओ और तीन सैनिक शहीद हो गए थे.

नेताओं ने की आतंकी हमले की निंदा

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष आज़ाद ने गुरुवार को हुए कायरतापूर्ण हमले की निंदा करते हुए एक्स को इस घटना को "भीषण" बताया और कहा कि हताहतों की संख्या बेहद दुखद है. उन्होंने कहा, "...जम्मू में आतंकवादी हमला चिंताजनक है और हम इस खतरे के खिलाफ एकजुट हैं. हम सरकार से सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं."

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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के प्रमुख मुफ्ती ने इस घटना को "भयानक" बताया. उन्होंने "कायरतापूर्ण हमले" की निंदा की और मारे गए सैनिकों के परिवारों और प्रियजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की.

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