जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई है. इससे पहले सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की बड़ी साजिश का खुलासा किया गया है. इंटेलिजेंस एजेंसी ने अलर्ट जारी करते हुए बताया लोकल नेता, पूर्व सैनिक, गैर कश्मीरी, सरकारी गाड़ियां आतंकियों के निशाने पर हैं. इसके लिए लश्कर के ही दो आतंकियों को जिम्मेदारी दी गई है, जोकि पाकिस्तानी भी हो सकते हैं.
इंटेलिजेंस एजेंसी के मुताबिक, आतंकी कुपवाड़ा और बारामूला के रास्ते में IED प्लांट कर सकते हैं. ऐसे इनपुट मिलने के बाद सिक्योरिटी फोर्सेस को अलर्ट पर रहने को कहा गया है. आतंकी लोकल लीडर, घाटी में मौजूद गैर कश्मीर, एक्स सर्विस मैन को निशाना बना सकते हैं. उन पर ग्रेनेड से हमला किया जा सकता है. इसके साथ ही आतंकी किसी सरकारी दफ्तर को भी आग लगा सकते हैं.
19 दिसंबर को पहला अलर्ट
पाकिस्तान की इस नई साजिश को लेकर एजेंसियों ने पहला अलर्ट 19 दिसंबर को भेजा था. इस अलर्ट में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की वारदात को अंजाम दिया जा सकता है. इसको लेकर लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन साजिश रच रहा है. इंटेलिजेंस एजंसियों को कश्मीर के बारामूला में तीन आतंकियों के लोकेशन की जानकारी मिली है, जिसमें एक विदेशी जो पाकिस्तानी आतंकी हो सकता है. उसका नाम हफीजुल्लाह भाई और 2 लोकल आतंकी शामिल हैं. ये तीनों ही अत्याधुनिक हथियार से लैस हो सकते हैं.
23 दिसंबर को एजेंसियों का दूसरा अलर्ट
इसके बाद एजेसियों ने 23 दिसंबर को दूसरा अलर्ट जारी किया, जिसमें लश्कर की बड़ी साजिश का खुलासा किया गया. सिक्योरिटी फोर्सेस इस अलर्ट के बाद कोई कोताही नहीं बरतना चाहते हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों में आतंकियों ने आउट साइडर, लोकल नेता और हिन्दू नेताओं की टारगेट किलिंग की थी. इसलिए फोर्स को अलर्ट पर रखा गया है.