कश्मीर समस्या को नया और खतरनाक मोड़ दे दिया गया है. आतंकी संगठन कश्मीर को सीरिया बनाने की नापाक साजिश रच रहे हैं. इसके लिए दुनिया के तमाम आतंकी संगठनों को भारत विरोधी ताकतों में शामिल होने का न्यौता दिया गया है.
कई आतंकी संगठनों के मंच यूनाइटेड जेहाद काउंसिल के चीफ सैय्यद सलाहुद्दीन ने कश्मीर मसले को सीरिया और इराक में चल रहे जेहाद से जोड़ने की कोशिश की है. पीओके में रहने वाले सलाहुद्दीन ने ऐलान किया है कि कश्मीर में अल-कायदा, तालिबान या इसी तरह की विचारधारा रखने वाले किसी भी संगठन या देश का स्वागत किया जाएगा.
यूनाइटेड जिहाद काउंसिल में हरकत-उल-अंसार, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन, जमीयत-उल-मुजाहिदीन, अल-जिहाद, अल बर्क, अब बदर, इख्वान-उल-मुसलमीन और तहरीक-उल-मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन शामिल हैं. 'मेल टुडे' की खबर के मुताबिक सलाहुद्दीन ने कश्मीर को 'गृह युद्ध का शिकार देश' बताया और कहा कि जिहादियों को यहां दखल देना चाहिए.
सलाहुद्दीन ने कहा, 'अल कायदा, तालिबान या कोई भी संगठन या देश दमन के शिकार कश्मीरियों की मदद के लिए आगे आता है तो हम इसका स्वागत करेंगे. सलाहुद्दीन ने भारतीय सुरक्षा बलों पर 'आतंक का राज' स्थापित करने का आरोप लगाया. उसने कहा कि 6000 बेनामी कब्रें मिलने, रोज होने वाली हत्याओं, महिलाओं के शोषण जैसी घटनाओं से यह बात साबित भी हो जाती है.
13 जुलाई को कश्मीर घाटी में साल 1931 में डोगरा राज के खिलाफ हुए आंदोलन में मारे गए 20 मुस्लिमों की याद में शहीदी दिवस मनाया जाता है. हिज्बुल मुजाहिदीन के सुप्रीम कमांडर रहे सलाहुद्दीन ने पीओके के मुजफ्फराबाद में इसी मौके पर रैली की. उसने रैली में कहा, 'हमें अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कुछ नहीं करना है. इस तरह के हालात में हम यही कर सकते हैं कि हमारे दुश्मन के खिलाफ जो कोई हमारी मदद करने आएगा, हम उसका तहे दिल से स्वागत करेंगे.
सलाहुद्दीन ने पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को भी निशाने पर लिया. उसने कहा कि पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को कश्मीरियों की भावनाएं समझनी चाहिए. उनका मोदी से मिलना, चिट्ठियां और साड़ियां भेजना कश्मीरियों को दुखी कर रहा है. उन्हें हमारी इच्छा के खिलाफ जाकर कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए.