सांबा और कठुआ में आतंकी हमले के खिलाफ जम्मू-कश्मीर विधानसभा में रविवार को जमकर विरोध और हंगामा हुआ. इस दौरान जहां एक ओर सदन में बीजेपी विधायकों ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए, वहीं मुख्यमंत्री मोहम्मद मुफ्ती सईद ने कहा कि अगर पाकिस्तान शांति चाहता है तो उसे आतंकवाद पर लगाम लगाना होगा. हंगामे के बीच केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने सदन से वाकआउट किया. जबकि प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार से मांग की गई कि वह आतंकी हमले का मुद्दा पाकिस्तान से सामने उठाए.
शुक्रवार के बाद रविवार को एक बार फिर जम्मू-कश्मीर विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आतंकी हमले की गूंज ने सदन के माहौल को गर्म कर दिया. बीजेपी विधायकों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए और सांबा व कठुआ में हुए आतंकी हमले के लिए पड़ोसी मुल्क को जमकर कोसा. मुद्दा उठते ही कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने भी सदन में हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस नेता रिगजान ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि 24 घंटों के भीतर पाकिस्तानी आतंकियों ने दो बार हमला किया, लेकिन जाने इस दौरान प्रधानमंत्री का 56 इंच का सीना कहां था.
विधानसभा स्पीकर कविंद्र गुप्ता ने भी आतंकी हमलों की निंदा की, जबकि मुख्यमंत्री सईद ने कहा, 'इस ओर सदन में प्रस्ताव पास किया जाना चाहिए और यह स्पष्ट होना चाहिए कि वह कौन लोग हैं जो आम लोगों पर हमला कर रहे हैं.' सीएम ने कहा कि अगर पाकिस्तान दोनों मुल्कों के बीच बेहतर संबंध चाहता है तो उसे सबसे पहले उसे इस तरह की आतंकी वारदातों पर लगाम लगाना होगा. मुफ्ती सईद ने स्पीकर से इस मुद्दे पर विशेष चर्चा की भी मांग की. बाद में सदन में इस बाबत प्रस्ताव भी पास किया गया.
सीएम की चर्चा की मांग को स्पीकर कविंद्र गुप्ता ने खारिज कर दिया, जिसके बाद इसका विरोध करते हुए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया. इस बीच डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस की पिछली सरकार को निशाने साधते हुए कहा कि पिछली सरकार को पाकिस्तानी हाई कमिश्नर और हुर्रियत नेताओं के मुलाकात पर भी कोई आपत्ति नहीं थी.