जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. मुफ्ती ने दोनों नेताओं से जम्मू-कश्मीर की गठबंधन सरकार के मसलों, बाढ़ और राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की.
Delhi: J&K CM Mufti Mohammad Sayeed meets PM Narendra Modi (Source: PMO) pic.twitter.com/E4GXhKN0Z5
— ANI (@ANI_news) April 7, 2015
बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद मुफ्ती ने कहा कि हमें शांति प्रक्रिया और अच्छे शासन पर आगे बढ़ने की जरूरत है. जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन वाली सरकार चला रहे मुफ्ती ने बताया, 'मैं पहले प्रधानमंत्री और फिर गृह मंत्री से मिला. मौजूदा राजनीतिक हालात, करप्शन के खिलाफ एक्शन, विकास और बाढ़ आदि विषयों पर चर्चा हुई. हमने न्यूनतम साझा कार्यक्रम लागू किए जाने पर भी चर्चा की. जम्मू-कश्मीर के लोगों ने हमें बड़ा जनादेश दिया है. हम प्रदेश में फिर से शांति स्थापित करना चाहते हैं.'
Delhi: J&K CM Mufti Mohammad Sayeed meets Union Home Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/B7bvA1WRTb
— ANI (@ANI_news) April 7, 2015
हालांकि इसे सेना को विशेष अधिकार देने वाले विवादित कानून आफ्सपा (AFSPA) को हटाने पर मंत्रणा के तौर पर भी देखा जा रहा है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर इस बाबत मुफ्ती पर निशाना भी साधा. उन्होंने लिखा, 'अच्छा, मुफ्ती PM और CM को यह सफाई देने के लिए दिल्ली भागे कि वह AFSPA को वापस नहीं लेने जा रहे.'
So Mufti Syed has rushed to Delhi to explain to the PM & HM that he didn't mean it when he said he would take the decision to revoke AFSPA.
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) April 7, 2015
Jammu: Uproar in J&K Assembly over CM Mufti Mohammad Sayeed's remark on AFSPA pic.twitter.com/j4rnvGwyQH
— ANI (@ANI_news) April 7, 2015
गौरतलब है कि मुफ्ती ने मंगलवार को घाटी में आतंकी हमलों में तीन पुलिसकर्मियों के शहीद होने के दिन ही AFSPA पर विवादास्पद बयान दिया था. नेशनल कांफ्रेंस विधायक देवेन्द्र राणा के सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा था, बेहतर होते सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार उन क्षेत्रों की समीक्षा करेगी जो पिछले कुछ वक्त से आतंकवादी गतिविधियों से मुक्त हैं ताकि धीरे-धीरे अफ्सपा को हटाने की दिशा में बढ़ा जा सके. राणा जानना चाहते थे कि सरकार अफ्सपा हटाने का प्रस्ताव रख रही है या नहीं.