जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन टूटने के कगार पर है. कांग्रेस के अंदर अगले विधानसभा चुनाव में अकेले ही मैदान में उतरने की मांग बढ़ती जा रही है. इस बीच पार्टी ने सोमवार को वरिष्ठ नेताओं और विधायकों की बैठक बुलाई है जिसमें गठबंधन पर चर्चा होगी.
यह मीटिंग इसलिए भी अहम है कि दो दिन पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के प्रमुख मुफ्ती मोहम्मद सईद से श्रीनगर में मिले थे. सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा हुई जो 2008 में अमरनाथ जमीन विवाद के कारण टूट गया था.
कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि अगले विधानसभा चुनाव में एनसी के साथ मैदान में उतरना पार्टी के लिए नुकसानदेह हो सकता है. ज्यादातर नेताओं की सोच है कि पार्टी इस बार चुनाव में अकेले उतरे और नतीजों के बाद सभी पार्टियों के साथ गठबंधन के रास्ता खुले रखे जाएं.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इस साल अंत तक विधानसभा चुनाव होंगे. वहीं हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं रही थी इसके बाद से ही इस गठबंधन पर सवाल उठने लगे थे.
दूसरी तरफ, नेशनल कॉन्फ्रेंस आजाद और मुफ्ती मोहम्मद सईद की मुलाकात से नाराज है. पार्टी को लगता है कि कांग्रेस ने उसे धोखा दिया है. एक सीनियर नेता का कहना है कि सूबे में कांग्रेस-एनसी के गठबंधन की सरकार है ऐसे में गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेता विपक्षी पार्टी के मुखिया से बंद कमरे में मुलाकात करेंगे तो सवाल उठना लाजमी है.