जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी सरकार गठन में अभी और देरी हो सकती है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पीडीपी की शर्तों के संभावित नतीजों पर स्थानीय संघ परिवार की राय लेने वाला है. गौरतलब है कि पीडीपी ने बीजेपी के सामने धारा 370 को बनाए रखने और कुछ जगहों से विवादित आफ्स्पा कानून हटाने की शर्त रखी है.
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सरकार्यवाह सुरेश जोशी 'भैयाजी' समेत कई वरिष्ठ संघ नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के संघ नेताओं के साथ मैराथन बैठकें की. 'भैयाजी' के साथ सह-सरकार्यवाह कृष्णगोपाल, दत्तात्रेय होसाबले और सुरेश सोनी जैसे बड़े नाम भी बैठक में शामिल बताए जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के संघ नेताओं को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया गया था. इस बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष जुगल शर्मा, डिप्टी सीएम की रेस में चल रहे निर्मल सिंह, पार्टी महासचिव अशोक कौल और संघ प्रचारक रमेश पप्पा भी शामिल थे.
'कुश्ती अभी चल रही है'
सूत्रों के मुताबिक भैयाजी जोशी और अन्य संघ नेताओं ने प्रदेश नेताओं के साथ वन-टू-वन मीटिंग कीं. सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर उनकी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के जम्मू-कश्मीर प्रभारी अविनाश राय खन्ना के साथ भी चर्चा करने की खबर थी.
सूत्रों के मुताबिक धारा 370 और आफ्स्पा पर अभी अलग-अलग मत हैं. पीडीपी से बातचीत के बारे में पूछे जाने पर बैठक में शामिल हुए एक नेता ने कहा, 'कुश्ती चल रही है.'
प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने फोन पर माना कि उनकी संघ नेताओं के साथ बैठक हुई है, लेकिन इसका संबंध सरकार गठन से होने से इनकार कर दिया. इनमें से एक ने कहा, 'कई संगठन के मुद्दे थे जिन पर चर्चा होनी थी और वैसे भी 2015 संघ के लिए चुनाव का साल है.'
हालांकि सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में करारी हार और फिर बिहार में मांझी को समर्थन देने के फैसले से आरएसएस काफी नाराज है और इसीलिए उसने जम्मू-कश्मीर में दखल दिया है. संघ नहीं चाहता कि ऐसी स्थिति दोबारा पैदा हो, इसलिए सरकार गठन के मुद्दे पर वह अपने अहम नेताओं के विचार भली-भांति जान लेने चाहता है.