जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की एक पीठ ने गोहत्या और गोमांस बिक्री पर कानूनी प्रतिबंध कड़ाई से लागू करने के कोर्ट के पिछले आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया. कोर्ट की इस पीठ ने कहा कि इस विषय पर राज्य सरकार और विधानसभा को विचार करना है. जस्टिस मुजफ्फर हुसैन अत्तार, जस्टिस अली मुहम्मद मगरे और जस्टिस तोशी रबस्तान की पीठ ने एक तरह से पहले की यथास्थिति बहाल की.
यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 5 अक्टूबर को पीठ से गोमांस पर पाबंदी के मुद्दे के समाधान के लिए कहा था. हाई कोर्ट की श्रीनगर और जम्मू की खंडपीठों के इस विषय पर भिन्न फैसले देने के बाद ऐसा किया गया, जिसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
कोर्ट ने राज्य में गोवध और गोमांस बिक्री पर पाबंदी को नियंत्रित करने वाले मौजूदा कानूनों को कड़ाई से लागू करने के लिए राज्य पुलिस से कहने वाले जम्मू पीठ के 9 सितंबर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुनवाई की.
बता दें कि जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की जम्मू पीठ ने राज्य में गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रावधान लागू करने का आदेश दिया था, जबकि श्रीनगर पीठ गोवंश के पशुओं के वध पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रावधान निरस्त करने के लिये दायर एक अन्य याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी. गोमांस पर प्रतिबंध लागू करने के लिए पुलिस को दिए गए इस आदेश का राज्य में जबरदस्त विरोध हुआ और इसकी वजह से स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिये ईद के दौरान तीन दिन तक इंटरनेट सेवा बंद रही थी.