जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में फ्लाइट जैसा दिखने वाला एक पाकिस्तानी गुब्बारा मिलने से लोगों में दहशत फैल गई. गुब्बारा एक पेट्रोल पंप में मिला, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस गुब्बारे को जब्त कर अपने साथ ले गई है. इस मामले की जांच जारी है.
घटना सांबा जिले के घगवाल इलाके की है. यहां जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारत पेट्रोलियम का एक पेट्रोल पंप है. इसमें काम करने वाले कर्मचारियों ने एक गुब्बारे नुमा चीज पेट्रोल पंप परिसर में पड़ी देखी. जब उसे करीब जाकर देखा गया तो वह एक फ्लाइटनुमा गुब्बारा निकला.
पाकिस्तानी गुब्बारा मिलने से पेट्रोल पंप पर काम कर रहे कर्मचारियों में दहशत फैल गई. पेट्रोल पंप की सुरक्षा के लिए तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने तुरंत गुब्बारे की जांच कर पुलिस थाना घगवाल में सूचना दी. मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी गुब्बरे को अपने साथ थाने ले गए. फिलहाल ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये गुब्बारा यहां कैसे पहुंचा और इसे यहां लाने में कौन-कौन शामिल है?
दिखने में ऐसा है गुब्बारा
गुब्बारा दिखने में बिल्कुल एक फ्लाइट की तरह है. उसके ऊपर बड़े-बड़े अक्षरों में BHN और एमिरेट्स लिखा हुआ है. गुब्बारे के पिछले हिस्से में पाकिस्तान का झंडा बना हुआ है तो वहीं एक जगह उर्दू में कुछ लिखा हुआ है.
पहले भी की इस तरह की हरकतें
बता दें कि पाकिस्तान पहले भी इस तरह की हरकतों को अंजाम देता रहा है. शनिवार को ही सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) के डायरेक्टर जनरल पंकज कुमार सिंह ने ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से होने वाली तस्करी को लेकर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने बताया था कि पिछले साल के मुकाबले 2022 में ड्रोन के जरिए तस्करी के मामले दोगुने तक बढ़ गए हैं. बीएसएफ ने 2020 में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब 79 ड्रोन उड़ानों का पता लगाया था. जो पिछले साल बढ़कर 109 हो गई. इस साल ये बढ़कर 266 यानी दोगुनी से ज्यादा हो गईं.
पाकिस्तान ने सीमा पर बढ़ाई तस्करी
बीएसएफ के डीजी ने कहा था कि यह समस्या गम्भीर है. इसका कोई पुख्ता समाधान नहीं है. वे (ड्रोन) नशीले पदार्थ, हथियार और गोला-बारूद, नकली मुद्रा और हर तरह की चीजें लाते रहे हैं. डीजी ने कहा कि शुरू में BSF इस चुनौती से जूझ रही थी कि क्या करना है और यहां तक कि जब ड्रोन गिराए गए तो उनसे कोई खास सुराग नहीं मिला, जिससे पता लगाया जा सके कि यह कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है? उन्होंने आगे कहा कि हम फिर इसे लेकर फोरेंसिक विभाग में जाने लगे. हमने महसूस किया कि इन ड्रोन में कंप्यूटर और मोबाइल फोन जैसे कंप्यूटेशन डिवाइस के समान चिप्स थे. चूंकि डिजिटल फोरेंसिक साइबर अपराधों को सुलझाने में मदद करते हैं, इसलिए हमें यहां भी जवाब मिल गए हैं.