जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने शेहला रशीद को जवाब दिया है. सलमान निजामी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'कुछ पत्थरबाजों और अलगाववादियों को गिरफ्तार किया गया है. कश्मीर में जब भी हिंसा होती है, तब यह आम बात होती है. सेना ने किसी को डराया या युवाओं पर अत्याचार नहीं किया है. मैंने इसकी स्थानीय लोगों और पत्रकारों से पुष्टि की है. राजनीतिक लाभ के लिए फर्जी खबर न फैलाएं.'
Some stone pelters & separatists wre arrested. Thz is common in Kashmir whenevr thre is violence like situation. I hve confirmed from locals & journalists no such incident of Army torturing youth in open to terrorise the people. Kindly don't spread fake news for political gains!
— Salman Nizami (@SalmanNizami_) August 19, 2019
उधर सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने सोमवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को एक पत्र लिख कर जेएनयू की पीएचडी छात्रा और जम्मू कश्मीर की राजनेता शेहला रशीद के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने को लेकर तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की. उन्होंने पत्र में लिखा कि शेहला हिंसा भड़काने और सेना की छवि खराब करने के इरादे से फेक न्यूज फैला रही हैं.
वकील की ओर से शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए पुलिस ने कहा कि वह रशीद के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से पहले मसले की तहकीकात कर रही है. शेहला 2015-16 के दौरान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रसंघ की उपाध्यक्ष रही हैं और वह जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नामक राजनीतिक दल से जुड़ी हैं.
वकील ने अपने पत्र में शेहला के ट्विटर हैंडल पर रविवार को पोस्ट किए गए कुछ ट्वीट का जिक्र किया जिसमें उन्होंने लिखा, "सशस्त्र बलों के जवान रात में घर में घुस कर लड़कों को पकड़ रहे हैं, घरों में तोड़फोड़ मचा रहे हैं और जानबूझकर अनाज फर्श पर बिखेर रहे हैं और चावल में तेल मिला रहे हैं." शेहला ने यह भी दावा किया कि उसे यह जानकारी कश्मीर के लोगों से मिली.