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कश्मीर: 'मददगार' से लोगों की मदद कर रहे CRPF जवान, लाखों लोगों ने किया फोन

पिछले करीब डेढ़ साल से सीआरपीएफ घाटी में मददगार हेल्पलाइन चला रही है और अब तक साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा फोन उन्हें मदद के लिए आ चुके हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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सीआरपीएफ की 'मददगार' हेल्पलाइन कश्मीर के लोगों को समय- समय पर मदद पहुंचा रही है. ताजा मामला है कश्मीर की युवा लड़की सकीना की मदद का जहां सीआरपीएफ के जवानों ने ना केवल अपनी तनख्वाह से उसके लिए सिलाई मशीन खरीदी बल्कि उसकी छोटी बहन को शिक्षित भी कर रहे हैं.

20 CRPF जवानों ने अपनी तनख्वाह से खरीदी सिलाई मशीन 

दरअसल पिता की आखों रोशनी चली जाने के बाद परिवार चलाने की जिम्मेदारी सकीना पर आ गई. सकीना ने इस वजह से 9वीं के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी और अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए छोटे मोटे काम करने लगी. घर में उसकी छोटी बहन भी है. जैसे- तैसे सकीना परिवार का खर्च उठा तो रही थी लेकिन उसे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. 

ऐसे में उसने सीआरपीएफ की 'मददगार' हेल्पलाइन को फोन किया. इसके बाद सीआरपीएफ जवानों ने अपनी तनख्वाह से सकीना के लिए सिलाई मशीन खरीदी. यही नहीं उसकी छोटी बहन की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी अब फोर्स उठा रही है. 

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बता दें कि पिछले डेढ़ साल से सीआरपीएफ की मददगार हेल्पलाइन घाटी में काम कर रही है और अब तक साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा फोन उन्हें मदद के लिए आ चुके हैं. फोन आने के बाद जवान कश्मीर के नागरिकों की हर संभव सहायता करने की कोशिश करते हैं. ये कदम सीआरपीएफ का मानवीय चेहरा घाटी में दिखाता है.

मददगार हेल्पलाइन 14411 से मांगी मदद

पिछले एक वर्ष में हेल्पलाइन में मदद के लिए 3 लाख लोगों ने संपर्क किया. इनमें से 2400 मामले कानूनी कार्रवाई वाले पाए गए. वहीं 2200 मामलों का संतोषजनक तरीके से निपटारा किया गया.

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