बाढ़ से बचकर बाहर निकले जवाहर नगर के सैकड़ों लोगों के लिए बाढ़ अभी भी सबसे बड़ी त्रासदी है क्योंकि उनके जीवन भर की कमाई और उनके मकान दोनों बाढ़ के मलबे में दबे पड़े हैं और अधिकारियों का कहना है कि उसे साफ करने में महीनों लगेंगे. जवाहर नगर पुश्ता पर बैठे 59 वर्षीय नजीर अहमद मीर असहाय होकर अग्निशमन और आपात विभाग के कर्मचारियों को उनके मकान से पानी निकालते देख रहे हैं.
मीर का कहना है, ‘दो दिन पहले मकान पूरी तरह डूबा हुआ था. अब इन लोगों ने कुछ पानी निकाला है. पेशे से दुकानदार मीर ने जीवन भर की कमाई मकान पर लगा दी थी और आज उनके पास बदन पर मौजूद कपड़ों के अलावा कुछ नहीं बचा है. श्रीनगर शहर में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में शामिल जवाहर नगर से पानी निकालने का काम पिछले चार दिन से चल रहा है. हालांकि पूरी शिद्दत के साथ काम करने के बावजूद इलाके में अभी भी कई फुट पानी भरा हुआ है.
मीर का कहना है, मेरे मकान की दूसरी मंजिल पर पानी का निशान देख रहे हैं. बाढ़ का पानी आया था तो वहां तक पानी भर गया था. अब जाकर कम हुआ है. जवाहर नगर के कई इलाकों में अभी भी आठ से दस फुट पानी भरा हुआ है. वहीं दूसरी ओर अनंतनाग जिले में 56 गांव बाढ़ से बरी तरह प्रभावित हुए हैं.