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लश्कर के लिए तोरा बोरा बन चुका है कश्मीर का हाजिन बांदीपोरा क्षेत्र

लश्कर के आतंकियों ने बुधवार की रात हाजिन में अब्दुल गफ्फार धार के घर में घुसकर उनके परिजनों के साथ मारपीट की और उसके बाद उन्हें और उनके 21 साल के बेटे मंजूर अहमद का अपहरण कर लिया.

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अब्दुल गफ्फार धार के अगवा किए गए बेटे मंजूर अहमद
अब्दुल गफ्फार धार के अगवा किए गए बेटे मंजूर अहमद

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लश्कर के आतंकियों ने कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बनाए रखने के लिए बांदीपोरा जिले के हाजिन इलाके को चुन रखा है और क्षेत्र में जिस तरह से उसकी गतिविधियां बढ़ रही हैं, उससे यही लगता है यह क्षेत्र लादेन के तोरा बोरा जैसा बनता जा रहा है.

लश्कर के आतंकियों ने बुधवार की रात हाजिन में अब्दुल गफ्फार धार के घर में घुसकर उनके परिजनों के साथ मारपीट की और उसके बाद उन्हें और उनके 21 साल के बेटे मंजूर अहमद का अपहरण कर लिया.

हालांकि अब्दुल गफ्फार आतंकियों के चंगुल से भाग निकलने में कामयाब रहे, लेकिन आतंकियों ने उन पर गोली चलाकर घायल कर दिया. जबकि उनका बेटा मंजूर अहमद अब भी आतंकियों के कब्जे में है. घायल गफ्फार का इलाज श्रीनगर के एक अस्पताल में चल रहा है और उसके बेटे की तलाश में पुलिस बांदीपोरा के कई इलाकों को खंगालने में जुटी है.

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क्षेत्र में बेहद सक्रिय है लश्कर

इसी हफ्ते सोमवार देर रात लश्कर के आतंकी फारुक अहमद के घर में घुस गए और वहां अंधाधुंध फयरिंग करके उनकी पत्नी और बेटी को घायल कर दिया. उनके दामाद नसीर अहमद शेख का अपहरण कर घर से कुछ दूरी पर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. दोनों घायल महिलाओं का इलाज श्रीनगर के अस्पताल में इलाज चल रहा है.

पिछले साल इसी परिवार के एक सदस्य मुजफ्फर की भी हत्या आतंकियों ने कर दी थी. दरअसल हाजिन बांदीपोरा पिछले कई साल से लश्कर के आतंकियों के लिए गढ़ रहा है.

कई आतंकी भी यहीं हुए ढेर

पिछले कई सालों में लश्कर के ढेरों प्रमुख कमांडर भी यहीं पर मारे गए. हाजिन बांदीपोरा में ही लश्कर प्रमुख जकीउर रहमान लखवी के भांजे ओवैद को 17 नवंबर 2017 को मारा गिराया गया. इस मुठभेड़ से कुछ दिन पहले यहीं पर ही भारतीय सेना के 2 कमांडो शहीद हुए थे. पिछले साल ही हाजिन बांदीपोरा में छुट्टी पर आए बीएसएफ के एक जवान मुहम्मद रमजान की लश्कर के ही आतंकियों ने घर में घुस कर हत्या की थी.

पुलिस का कहना है कि हाजिन बांदीपोरा लश्कर के आतंकियों का गढ़ है और लश्कर के जो भी आतंकी सीमापार से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने में सफल हो जाते हैं, वे यहीं आते हैं. यहां बड़ी संख्या में लश्कर के समर्थक मौजूद हैं.

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लश्कर ने कुछ स्थानीय लोगों को अपने साथ जोड़ रखा है जिससे उन्हें इलाके को पहचानने और परखने में आसानी होती है. 2017 के ऑपरेशन ऑल आउट के दौरान लश्कर के सबसे ज्यादा आतंकी हाजिन बांदीपोरा इलाके से मारे गए थे जिनकी संख्या 27 थी.

लादेन का तोरा बोरा

माना जा रहा है कि हाजिन में आतंकी उन्हीं परिवारों को अपना निशाना बना रहे हैं, जिस पर उन्हें शक है कि वे पुलिस या सेना के मुखबिर हो सकते हैं. हालांकि इसकी सच्चाई के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. इतना तय है कि हाजिन बांदीपोरा लश्कर आतंकियों के लिए तोरा बोरा से कम नहीं है.

कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन ने अफगानिस्तान के तोरा बोरा में अपना गढ़ बना लिया था, उसी तर्ज पर लश्कर की भी यही कोशिश है कि वह हाजिन बांदीपोरा को आतंकी गढ़ बनाए.

हाजिन बांदीपोरा वही गांव है जहां 20 साल पहले 1998 में आतंकवाद के खिलाफ कोका परे ने इखवान बनाकर सेना के समर्थन के साथ आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई के लिए एक फौज तैयार की थी, लेकिन अब इस का कश्मीर में कोई नामो निशां भी नहीं बचा.

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