जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग के बीच प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए हिंदू सरकारी अधिकारियों का ट्रांसफर करने का फैसला किया है. जो भी कर्मचारी दूर दराज इलाकों में काम कर रहे हैं, उन्हें कश्मीर के जिला मुख्यालय लाने की तैयारी है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक अहम बैठक की थी जिसमें घाटी में लगातार हो रही टारगेट किलिंग पर चर्चा की गई.
उसी चर्चा के बाद फैसला हुआ कि उन तमाम हिंदू कर्मचारियों का तबादला किया जाएगा, जो वर्तमान में दूर दराज के इलाकों में काम कर रहे हैं. उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन उन सभी का जिला मुख्यालय में ट्रांसफर करेगा. मीटिंग में ये भी फैसला हुआ है कि उन तमाम हिंदू कर्मचारियों को सुरक्षित आवास देने की जिम्मेदारी भी प्रशासन की रहने वाली है. ऐसे में उनका सिर्फ ट्रांसफर नहीं किया जा रहा, बल्कि सुरक्षित आवास की गारंटी भी दी जा रही है.
ये फैसला उस समय लिया गया है जब कश्मीर में टारगेट किलिंग का सिलसिला बढ़ चुका है. पिछले कुछ दिनों से आतंकी लगातार कश्मीरी पंडितों को अपना निशाना बना रहे हैं. सरकारी अधिकारी राहुल भट्ट की हत्या से वो दौर शुरू हुआ था जो अभी तक थमा नहीं है. ऐसे में घाटी में कश्मीरी पंडितों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, मांग की जा रही कि उनका जम्मू में ट्रांसफर किया जाए. अब उसी मांग के बीच प्रशासन ने कश्मीर में काम कर रहे सरकारी हिंदू कर्मचारियों को ये राहत दी है.
लेकिन इस फैसले से हिंदू कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं. उनकी माने तो उन्हें अब सिर्फ जम्मू में अपना ट्रांसफर चाहिए. वे घाटी में काम नहीं करना चाहते हैं. वे मोदी सरकार पर भी उनकी मांगों पर ध्यान ना देने का आरोप लगा रहे हैं. लेकिन सरकार लगातार आश्वासन दे रही है कि कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा. हिंदू कर्मचारियों के ट्रांसफर वाले फैसले को भी इसी दिशा में उठाया गया एक कदम बताया जा रहा है.
प्रशासन ने ये फैसला इस वजह से भी लिया है क्योंकि घाटी में कश्मीरी पंडितों पर हमले बढ़ गए हैं. राहुल भट्ट के अलावा टीचर रजनी बाला की हत्या भी की गई है. सरपंच और मजदूरों को भी आतंकी अपनी गोली का निशाना बना रहे हैं. पूरी कोशिश की जा रही है कि घाटी का माहौल खराब किया जाए. लेकिन ऑपरेशन ऑल आउट के जरिए आतंकियों को लगातार मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है. इस साल मई महीने तक ही कई आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया है.