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हमारे दखल से नहीं सुलझ सकती हर समस्या, 'राजनीति' से ही ठीक होंगे कश्मीर के हालातः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात के राजनीतिक हल की बात कही है. मुख्य न्यायधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को कहा कि ये बेहद पेचीदा मसला है और सारे मामले अदालत के दखल से नहीं सुलझ सकते.

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कश्मीर में सुधर रहे हैं हालात
कश्मीर में सुधर रहे हैं हालात

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सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात के राजनीतिक हल की बात कही है. मुख्य न्यायधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को कहा कि ये बेहद पेचीदा मसला है और सारे मामले अदालत के दखल से नहीं सुलझ सकते.

केंद्र सरकार को दें जरूरी सुझाव
कोर्ट ने याचिकाकर्ता पैंथर्स पार्टी के संयोजक भीम सिंह से कहा कि वो केंद्र सरकार के जिम्मेदार लोगों से मिल कर उन्हें अपने सुझाव दें. कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने इसका बंदोबस्त करने का भरोसा दिलाया. मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी.

पैंथर्स पार्टी ने की राज्यपाल शासन की मांग
कश्मीर में राज्यपाल शासन की मांग के साथ जम्मू कश्मीर पैंथर्स पार्टी ने याचिका दाखिल की हुई है. पार्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि कश्मीर में मौजूदा हालात बेहद खराब है. इसको देखते हुए सुप्रीम कोर्ट राज्य के राज्यपाल को ये निर्देश दे कि वो जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुच्छेद 92 के तहत राज्य में सरकार को भंग कर शासन अपने हाथ में ले लें. ताकि राज्य के लोगों की सुरक्षा, बचाव और मूलभूत अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हो सके.

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केंद्र ने कोर्ट में सौंपा था स्टेटस रिपोर्ट
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही वहां राज्यपाल शासन लगाने की मांग खारिज कर चुका है, लेकिन राज्य में मौजूदा हालात को लेकर सुनवाई चल रही है. इससे पहले कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार कश्मीर पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर चुका है. केंद्र सरकार ने जो स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी उसकी मुख्य तौर पर कहा था कि

* बंद और प्रदर्शन के दौरान कश्मीर घाटी में स्वास्थ्य सेवाएं अप्रभावित रहीं.

* 9 जुलाई से 2 अगस्त तक सरकारी अस्पतालों में 6 हजार से ज्यादा घायलों का इलाज हुआ.

* 240 लोग आंखों या आंखों के आस-पास चोट की तकलीफ के साथ आए.

* घाटी में कुल 450 एंबुलेंस में से 110 को पत्थरबाजी से नुकसान पहुंचा, लेकिन सिर्फ 10 एंबुलेंस ही काम से बाहर हुई.

* सरकारी ओपीडी में 4 लाख 81 हजार मरीजों को देखा गया. इनमे से 33 हजार को इलाज के लिए भर्ती किया गया.

* कुल 2,984 सामान्य और 2,162 सीजेरियन डिलिवरी हुई.

* जुलाई महीने में अलग-अलग स्कीमों के तहत 4 लाख क्विंटल अनाज बांटा गया.

* चीनी, एलपीजी, पेट्रोलियम, सब्जियों और दूध की सप्लाई चलती रही.

* पुलिस/सेना के साथ लोगों की झड़प की घटनाओं में लगातार कमी आ रही है.

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* 9 जुलाई को 201 घटनाएं हुईं. 3 अगस्त को 11 घटनाएं हुईं.

* इस पूरी अवधि में कुल 872 घटनाएं हुईं. 42 सिविलियन मारे गए और 2,656 घायल हुए.

* सुरक्षा बलों के 2 जवान शहीद हुए और 3,783 घायल हुए.

* अमरनाथ यात्रा आराम से चलती रही. 29 जुलाई तक 2 लाख 12 हजार लोगों ने यह तीर्थयात्रा पूरी की.

स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का आदेश देते हुए कोर्ट ने बहुत साफ शब्दों में याचिकाकर्ता पैंथर्स पार्टी के संयोजक प्रोफेसर भीम सिंह को निर्देश दिया था कि कोर्ट की इस कार्यवाही का किसी भी तरह राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश न हो.

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